मुंडका अग्निकांड: चार मंजिला बिल्डिंग से अब तक 27 शव बरामद, 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
नई दिल्ली: दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक 4 मंजिला इमारत में आग लग गई. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 लोगों को बिल्डिंग से सुरक्षित बाहर निकाला गया है. कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं और उनके परिवार के सदस्यों को चिंता सता रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई को गोविंद नाम के व्यक्ति ने बताया कि वह यशोदा देवी की तलाश कर रहा है, जो आगजनी की घटना के बाद से लापता हैं. गोविंद ने कहा, ‘मुझे अपने एक दोस्त से पता चला कि बिल्डिंग में आग लगी है. मैं तुरंत यहां पहुंचा और यशोदा की तलाश कर रहा हूं. मैंने अस्पतालों में भी उन्हें ढूंढने की कोशिश की.’
एक अन्य महिला नरगिस ने एएनआई से कहा, ‘मुझे मुस्कान ने फोन पर बताया कि यहां एक इमारत में आग लग गई है. उसने मुझसे कहा कि मैं उसे बचा लूं. हम तुरंत उसके दफ्तर पहुंचे, लेकिन मुस्कान से कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहे. हमने उसे हर जगह ढूंढा है, अस्पतालों में भी खोजा, लेकिन वह नहीं मिली.’ इस घटना में अब तक 12 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट ने कहा है कि बिल्डिंग में लगी आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है. एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर राहत व बचाव अभियान के लिए पहुंची है.
इससे पहले शुक्रवार को प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि जिस चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में आग लगी, उसमें ज्यादातर कंपनियों के कार्यालय थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आग पहली मंजिल पर स्थित एक सीसीटीवी एंड राउटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में लगी. इस कंपनी के मालिक पुलिस हिरासत में हैं. रेस्क्यू में स्थानीय लोगों ने काफी मदद की. पुलिस और एनडीआरएफ कर्मियों ने रस्सी की मदद से आग की लपटों के बीच घिरी इमारत में फंसे 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. अब भी कई लोगों के इमारत में फंसे होने की आशंका है.
एनडीआरएफ ने लोगों को निकालने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल किया गया. पुलिस कर्मियों ने इमारत की खिड़कियां तोड़कर फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की. वहीं कुछ परिजन अपनों की फोटो दिखाकर यह बता रहे थे कि उनका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. आग से बचने के लिए इमारत के अंदर फंसे लोगों ने निचले फ्लोर की खिड़कियों से छलांग लगा दी. घटना के बाद भीड़ जमा होने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे राहत और बचाव कार्य में दिक्कत होने लगी. फिर पुलिस ने जगह को खाली कराया.