कई राज्यों में लू को लेकर येलो अलर्ट… इस साल मानसून सामान्य रहने की संभावना…
उत्तर भारत के कई राज्यों में इस समय लोग भीषण गर्मी (Heat wave) का सामना कर रहे हैं. कई राज्यों में तो तापमान 40 से ऊपर है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज के लिए दिल्ली और आसपास के राज्यों में लू की चेतावनी जारी करते हुए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है. इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली में दिन के समय अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. मौसम विभाग ने बताया है कि गर्मी का यह दौर मंगलवार तक जारी रह सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ सकती है. साथ ही मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में लू चल सकती है.
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर प्रदेश शुक्रवार को जबरदस्त तपिश के दौर से गुजरा और कई स्थानों पर दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. भीषण तपिश और लू की वजह से प्रदेश के अनेक जिलों में जनजीवन खासा प्रभावित रहा. दोपहर में सड़कों पर आमतौर पर सन्नाटा रहा और खुले में काम करने वाले लोग जबरदस्त गर्मी से बेहाल रहे. लखनऊ स्थित मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को बांदा राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा जहां अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
इसके अलावा झांसी में पारा पिछले करीब एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 47.6 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया. कानपुर में दिन का तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस, प्रयागराज में 46.6 डिग्री सेल्सियस, हमीरपुर में 46.2 डिग्री सेल्सियस, उरई में 46 डिग्री सेल्सियस और आगरा में 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. राजधानी लखनऊ में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने बताया है कि गर्मी का यह सितम आज भी जारी रहेगा.
भीषण गर्मी के बीच इस साल मानसून सामान्य रहने की संभावना है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मानसून पूर्व तैनाती की योजना बना रहा है. आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से शुक्रवार को यहां मानसून पूर्व और मानसून की स्थिति की समीक्षा बैठक में यह बात कही गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून 2022 सामान्य रहने की संभावना है. बयान में कहा गया कि एनडीआरएफ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ परामर्श कर बाढ़ के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों में मानसून पूर्व तैनाती की योजना बनाई है.