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कृषि विभाग में सहायक संचालक की भर्ती को चुनौती, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के माध्यम से कृषि विभाग में सहायक संचालक के पद पर नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य शासन, लोक सेवा आयोग व चयनित पक्षकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही मामले की सुनवाई होते तक पक्षकार की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। राज्य लोक सेवा आयोग ने 10 जून 2020 को कृषि विभाग में सहायक संचालक के 25 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। इसमें चयन के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी कृषि विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर में स्नातक डिग्री मांगा गया। उक्त पद पर नियुक्ति के लिए सुष्मिता कंवर की ओर से आवेदन पत्र जमा किया गया था। निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने व फरवरी 2021 में परीक्षा परिणाम आने के बाद सुष्मिता कंवर का नाम था। लेकिन उसी वर्ग से कल्पना कुंजाम ने भी परीक्षा दी थी और मेरिट में वह भी शामिल थीं। आयोग ने कल्पना कुंजाम का चयन कर लिया। चयन सूची जारी होने के बाद सुष्मिता को पता चला कि चयनित अभ्यर्थी कल्पना कुंजाम ने एग्रीकल्चर में स्नातक नहीं की है।

बल्कि वह हार्टिकल्चर में स्नातक की है। इस तरह से दूसरे विषय की प्रतियोगी को मेरिट में बता कर चयन करने पर सुष्मिता ने अपने अधिवक्ता घनश्याम कश्यप, ईशान वर्मा व संदीप सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। याचिका में बताया गया कि आयोग की ओर से विज्ञापन में एग्रीकल्चर कृषि शैक्षणिक योग्यता मांगी गई थी, लेकिन दूसरे विषय की प्रतियोगी का चयन कर लिया गया है जो अवैधानिक है। हाई कोर्ट के जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन, लोक सेवा आयोग व पक्षकार कल्पना कुंजाम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही प्रकरण की सुनवाई होते तक कल्पना कुंजाम की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

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