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आज कनाडा के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे मार्क कार्नी, ट्रूडो आधिकारिक रूप से इस्तीफा देंगे

टोरंटो: कनाडा के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय आज लिखा जाएगा, जब मार्क कार्नी प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. वे कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री होंगे, और उनका शपथ ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे ओटावा के रिड्यू हॉल के बॉलरूम में होगा. इसके साथ ही, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ लेंगे.

 

मार्क कार्नी ने 9 फरवरी को लिबरल पार्टी के नेता का चुनाव जीतकर 85.9% वोटों के साथ पार्टी की कमान संभाली थी. आज के दिन, वह वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे. इस दौरान, ट्रूडो अपने इस्तीफे की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए गवर्नर जनरल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे, जिसके बाद शपथ ग्रहण होगा.

मार्क कार्नी: एक अनुभवी अर्थशास्त्री और बैंकर

मार्क कार्नी एक प्रतिष्ठित बैंकर और अर्थशास्त्री हैं. 2008 में उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किया गया, जहां उनके निर्णयों ने कनाडा को वैश्विक आर्थिक मंदी से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2013 में, उनके कार्यों के कारण, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने उन्हें अपना गवर्नर नियुक्त किया. वह इस पद पर 2020 तक बने रहे और ब्रिटेन के इतिहास में पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक के रूप में इस जिम्मेदारी को निभाया.

ट्रम्प के विरोधी, लेकिन बयान देने से कतराने वाले

मार्क कार्नी को ट्रम्प के आलोचक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कई बार ट्रम्प को अमेरिका और अन्य देशों के लिए खतरनाक बताया है. हालांकि, वह अधिकतर समय अपने विचारों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने से बचते रहे हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि ट्रम्प की नीतियों ने कनाडा की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और जटिल बना दिया है.

प्रधानमंत्री पद के लिए नई चुनौतियां

हालांकि मार्क कार्नी के पास एक मजबूत नेतृत्व की छवि है, लेकिन उनका राजनीतिक भविष्य अस्थिर दिखता है. कनाडा की संसद में लिबरल पार्टी के पास बहुमत नहीं है, जिससे उन्हें चुनावों के लिए तैयार रहना होगा. अक्टूबर से पहले चुनाव कराए जा सकते हैं. इस दौरान, कार्नी को संसद के सदस्य बनने के लिए कदम उठाने होंगे.

 

भारत-कनाडा संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं

मार्क कार्नी ने कनाडा और भारत के रिश्तों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं, तो वह भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को फिर से बहाल करेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देंगे. हालांकि, खालिस्तानी आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, जो कि दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बना हुआ है.

आगे की राह

मार्क कार्नी की राजनीतिक यात्रा अभी शुरुआत के दौर में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में कितना प्रभावी साबित होते हैं. उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीति में स्थिरता के बारे में अभी कई सवाल बने हुए हैं, लेकिन उनकी छवि एक समझदार और अनुभवी नेता के रूप में स्थापित हो चुकी है.

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