भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नाम हटने के बाद मेनका गांधी का आया पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सुलतानपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी का कहना है कि वह “भाजपा में रहकर संतुष्ट” हैं और कार्यकारिणी में न होने से किसी का कद कम नहीं हो जाता। अपने संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर में दो दिवसीय दौरे पर रविवार की शाम जब मेनका गांधी आईं तो पत्रकारों ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें व उनके पुत्र को जगह न मिलने पर सवाल किया जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं 20 वर्ष से भाजपा में रहकर संतुष्ट हूं। कार्यकारिणी में न होने से किसी का कद कम नहीं हो जाता।” उन्होंने कहा, “कार्यकारिणी में और भी वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं मिली है और नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए, मैं अपने कार्यों के प्रति सजग हूं और अपने क्षेत्रवासियों की सेवा करना मेरा पहला धर्म है। उनके दिलों में मुझे स्थान मिले यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
गौरतलब है कि मेनका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पहली बार केंद्रीय मंत्री रहीं, जबकि दूसरी बार सुलतानपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंची तो उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। अभी चार दिन पूर्व भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी हुई तो उसमें मेनका गांधी और उनके बेटे व पीलीभीत सांसद वरुण गांधी का नाम शामिल नहीं किया गया। यह भी ध्यान रहे कि लखीमपुर खीरी की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत को लेकर जब विपक्षी दल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर थे तब पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पिछले बृहस्पतिवार को लखीमपुर की घटना का एक कथित वीडियो पोस्ट किया और कहा कि हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता।
पीलीभीत के सांसद ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, “वीडियो बिल्कुल स्पष्ट है। प्रदर्शनकारियों को हत्या के माध्यम से चुप नहीं कराया जा सकता है। निर्दोष किसानों के खून के लिए जवाबदेही होनी चाहिए और अहंकार और क्रूरता का संदेश हर किसान के दिमाग में प्रवेश करने से पहले न्याय दिया जाना चाहिए।” उन्होंने 37 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें तेज रफ्तार ‘थार जीप’ लौटते हुए लोगों को पीछे से कुचलते हुये दिखाई दे रही है। दो एसयूवी एक काली और दूसरी सफेद थार जीप के पीछे आती दिख रही हैं। वीडियो में लोगों के चिल्लाने और रोने की आवाज सुनाई दे रही है।
वरुण गांधी ने इसके तीन दिन पहले लखीमपुर खीरी मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग भी की थी। घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने चार अक्टूबर, सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है।
सरकार ने हिंसा के सभी मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये दिये हैं। वरुण गांधी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए लिखा था, “इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। इस विषय में आदरणीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाना ज्यादा उपयुक्त होगा।”