Khabar Chalisa Exclusive: रायपुर, 3 जून 2025: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सुरक्षा बलों की कार्रवाइयाँ 3 जून 2025 को भी जारी रहने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा बल बारिश के मौसम से पहले बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। यह रणनीति विशेष रूप से बस्तर संभाग के घने जंगलों और दुर्गम इलाकों में केंद्रित है, जो नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
बारिश से पहले बड़े अभियान की रणनीति
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत 7-8 जून 2025 के आसपास होने की संभावना है, जिसके कारण जून के पहले सप्ताह में सुरक्षा बलों की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। बारिश का मौसम नक्सल विरोधी अभियानों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि घने जंगल, कीचड़ भरे रास्ते, और खराब दृश्यता के कारण ऑपरेशन में बाधा आती है। इसलिए, सुरक्षा बल इस अवधि का उपयोग नक्सलियों के ठिकानों पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं।
बस्तर संभाग (सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागाँव, और बस्तर जिले), विशेष रूप से अबुझमाड़ क्षेत्र, जो नक्सलियों का सबसे मजबूत गढ़ है।
रणनीति: खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी, और ग्रामीण क्षेत्रों में नए सुरक्षा शिविर स्थापित करना। नक्सली नेतृत्व को निशाना बनाना, उनके हथियारों और आपूर्ति को नष्ट करना, और आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करना।
हाल के अभियानों का प्रभाव
2025 में अब तक सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। कुछ प्रमुख बिंदु:
मई 2025 में सफलता: नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर 27 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिसमें सीपीआई-माओवादी के महासचिव नंबला केशव राव उर्फ बसवराज शामिल थे। यह 30 वर्षों में पहली बार था जब इतने वरिष्ठ नक्सली नेता को ढेर किया गया।
अप्रैल-मई 2025: कर्रेगुट्टा हिल्स (छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा) पर ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया और नक्सलियों के सबसे मजबूत सैन्य गठन, पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर 1 को भारी नुकसान पहुँचा।2025 में अब तक: 300 से अधिक नक्सली मारे गए, 1,100 से अधिक गिरफ्तार किए गए, और लगभग 1,000 ने आत्मसमर्पण किया है।कुल उपलब्धियाँ: 2024 में 219 नक्सलियों को मार गिराया गया, जो 2023 की तुलना में 750% अधिक है। इसके अलावा, 837 गिरफ्तारियाँ और 802 आत्मसमर्पण हुए।
3 जून 2025 को संभावित गतिविधियाँ
अबुझमाड़ पर फोकस: अबुझमाड़, जो नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता है, में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में 250 से अधिक नए शिविर स्थापित किए हैं, जिससे नक्सलियों का दायरा केवल सुकमा-बीजापुर और अबुझमाड़ तक सीमित हो गया है।
हेलीकॉप्टर और ड्रोन का उपयोग: कर्रेगुट्टा हिल्स जैसे ऑपरेशनों में चार हेलीकॉप्टर और 20 ड्रोन का उपयोग किया गया था, और 3 जून को भी ऐसी तकनीक का इस्तेमाल होने की संभावना है।
खुफिया जानकारी: नक्सली नेताओं जैसे हिड़मा, देवा, और दामोदर के ठिकानों की जानकारी पर आधारित ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। ये नेता अबुझमाड़ और सुकमा-बीजापुर क्षेत्र में सक्रिय हैं।
