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पुलिस भर्ती में गड़बड़ी मामला, महिला पुलिसकर्मी समेत 4 लोग गिरफ्तार

राजनांदगांव। राजनांदगांव जिले में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। इसको लेकर एसपी मोहित गर्ग द्वारा लालबाग थाने में FIR भी दर्ज करवाई गई थी। अब इस पर एक्शन शुरू हो गया है। शनिवार को लालबाग पुलिस ने 3 महिला पुलिसकर्मी समेत 4 लोगों को कोर्ट में पेश किया। वहीं दो हैदराबाद की इवेंट कंपनी के लोगों को भी जेल भेजा गया है। जहां न्यायालय ने चारों को जेल भेज दिया। पुलिस भर्ती मामले में एक संदेही आरक्षक ने सुबह ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। बताया जाता है कि, कुल 14 आरक्षक सन्देह के दायरे में है।

उल्लेखनीय है कि, पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान पाई गई गड़बड़ियों में अब कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, जांच कर रही टीमों ने पाया कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने दौड़ में भाग ही नहीं लिया, उन्हें भी अंक दे दिए गए हैं। इसके अलावा शून्य नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों को सात अंक दे दिए गए हैं। शुरूआती दौर की जांच में हैदराबाद की जिस टीम को जिम्मेदारी दी गई थी, उनके द्वारा अनियमितता पाए जाने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि इस मामले में टीम द्वारा हर बिंदुओं को ध्यान में रखते जांच आगे बढ़ाई जा रही है। हैदराबाद की कंपनी के साथ ही स्थानीय पुलिस विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

वहीं शनिवार को ग्राम रामपुर में एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। यह आरक्षक राजनांदगांव रेंज में चल रही पुलिस भर्ती प्रक्रिया में ड्यूटीरत था। बीती रात आरक्षक पुलिस लाइन से निकला और सुबह उसकी लाश रामपुर के खेत में मिली। बताया जा रहा है कि आरक्षक अनिल रत्नाकर ने बीती रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भर्ती के लिए खैरागढ़ पुलिस बल का जवान पिछले कई दिनों से स्थानीय 8वीं बटालियन में ड्यूटी में था। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पुलिस भर्ती में कथित गड़बड़ी उजागर होने के बाद जवान तनाव में था। आरक्षक के खुदकुशी करने की घटना को गड़बड़ी से ही जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक आरक्षक मूलतः महासमुंद के सरायपाली का रहने वाला था। पुलिस घटना की जांच कर रही है। खैरागढ़ जिले के जालबांधा पुलिस चौकी में पदस्थ अनिल रत्नाकर की राजनांदगांव में भर्ती के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। सूत्रों के मुताबिक जवान की भूमिका भर्ती प्रक्रिया में संदिग्ध रूप से सामने आई है। लिहाजा आला अफसरों ने आरक्षक रत्नाकर समेत लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को संदेह के घेरे में रखा है। बहरहाल आरक्षक की लाश मिलने के बाद से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आरक्षक के परिवार के कई लोग पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

राजनांदगांव के 8वीं बटालियन में भर्ती प्रक्रिया की टेक्निकल हैदराबाद की कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग 10 से 12 पुलिस आरक्षकों को भी गड़बड़ी के मामले में संदेह के दायरे में रखा गया है। आज सुबह डोंगरगांव रोड स्थित रामपुर में मुक्ति धाम के पास एक पेड़ में आरक्षक फांसी के फंदे में लटकते दिखाई दिया। पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया में एक सोची- समझी साजिश के तहत कई योग्य अभ्यर्थियों की छुट्टी कर दी गई। जिसके चलते कुछ अयोग्य अभ्यर्थियों के चयन पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले को लेकर राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक झा टेक्निकल टीम और महकमे के जवानों की भूमिका की अपनी निगरानी में जांच कर रहे हैं। आरोप है कि नेशनल गेम्स की फर्जी डिग्री से भी कई अभ्यर्थियों ने सीधा लाभ उठाया है। इसके अलावा अभ्यर्थियों के मार्क्स के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। अंकों से हेरफेर करने का आरोप अब राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस ने कई तरह के आरोप लगाए हैं।

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