IAS आनंद मसीह चर्चा में, हाई पावर कमेटी ने अनुसूचित जनजाति का मानने से किया इंकार
रायपुर। सचिव पद पर नियुक्त IAS आनंद मसीह की जाति को लेकर बवाल मच गया है। कानूनी तौर पर बात की जाए तो जाति की खोज करने वाली प्रदेश की हाई पावर कमेटी ने IAS आनंद को अनुसूचित जनजाति का मानने से इंकार कर दिया है। उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति ने अपने रिपोर्ट में कहा कि, आनंद मसीह जनजाति के नहीं है। बता दें, IAS आनंद ने इसी जाति के खुद को बताते हुए डिप्टी कलेक्टर की नौकरी हासिल शुरू की थी। लेकिन जो प्रमाण पत्र 22 जनवरी 1981 को मिला था, उसे 5 फ़रवरी 2007 में निरस्त कर दिया गया था। 24 जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने इस निर्णय को वापिस ले लिया था।आपको बता दें यह मामला जब सामने आया था और तब हाईकोर्ट ने जाति छानबीन समिति के निर्णय ने नहीं माना था। जिसके बाद 5 फ़रवरी 2007 में आनंद मसीह का जाति प्रमाण पत्र खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने उस वक्त कहा था कि, आदेशों का पालन नहीं किया गया है। जिसके बाद उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति ने फिर से प्रकिया शुरू कर दी। इसकी मुद्दे की जांच को निष्कर्ष समिति को सौंप दिया गया। 5 जनवरी 2007 इस संबंध में कारण बताओ नोटिस दिया गया। जिसके जवाब में 18 जनवरी को आनंद मसीह के द्वारा पत्र भेजकर पक्ष रखने को कहा गया। 9 अप्रैल को सुनवाई का फैसला लिया गया। लेकिन कोरोना की वजह से 24 जुलाई 2021 बढ़ा दी गई। वहीं जांच के लिए बीते 27 फ़रवरी 2023 को रिपोर्ट जारी की गई।