DEOGHAR AIRPORT CONTROVERSY : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की याचिका खारिज, सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी को राहत

DEOGHAR AIRPORT CONTROVERSY: Supreme Court rejects Jharkhand government’s petition, relief to MPs Nishikant Dubey and Manoj Tiwari
रांची। सुप्रीम कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट विवाद में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली झारखंड सरकार की याचिका खारिज कर दी है। यह मामला 31 अगस्त 2022 को देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा नियमों के कथित उल्लंघन से जुड़ा था।
क्या था मामला? –
सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप था कि उन्होंने देवघर एयरपोर्ट पर एटीएस (एयर ट्रैफिक सर्विस) पर निजी विमान उड़ाने का दबाव बनाया और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया। इस मामले में देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात डीएसपी सुमन अमन की शिकायत पर कुंडा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
हाईकोर्ट ने दी थी राहत –
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर को चुनौती दी थी। 13 मार्च 2023 को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए एफआईआर निरस्त कर दी कि विमान (संशोधन) अधिनियम, 2020 के तहत जांच शुरू करने के लिए संबंधित अथॉरिटी की मंजूरी जरूरी है, जो इस मामले में नहीं ली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला –
झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। अदालत ने कहा कि विमान संशोधन अधिनियम के तहत जांच के लिए पूर्व अनुमति जरूरी है।
सरकार और सांसदों की दलीलें –
झारखंड सरकार ने दलील दी कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है।
दूसरी ओर, सांसदों के वकीलों ने तर्क दिया कि कानून के अनुसार जांच के लिए संबंधित अथॉरिटी से पूर्व अनुमति आवश्यक है।
मामले का निष्कर्ष –
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी को राहत मिली है। अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा।