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Congress: छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान पर थूकने वाले लोग अब धर्मांतरण की आड़ में अपना चेहरा छुपा रहे हैं: आर पी सिंह

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं संचार विभाग के सदस्य आर पी सिंह ने आज एक बयान जारी करके भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़िया मान सम्मान और स्वाभिमान पर थूकने वाले भाजपाई अब अपना बदनुमा चेहरा धर्मांतरण की आड़ में छुपा रहे हैं। बस्तर के चिंतन शिविर के बाद छत्तीसगढ़ वासियों के प्रति विशेषकर किसानों और ओबीसी वर्ग के खिलाफ जो घृणा सामने निकल कर आई थी उसका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कैबिनेट के साथियों के साथ पुरजोर तरीके से विरोध किया था और प्रदेश की जनता ने भी सर्वत्र उसकी निंदा की थी।

(Congress) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस कदम से घबराई हुई भाजपा अब अपना बदरंग चेहरा धर्मांतरण की आड़ में छुपाने का असफल प्रयास कर रही है। (Congress) दरअसल भारतीय जनता पार्टी के पास छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं मिल रहा है। इसलिए हर राज्य में आजमाई हुई नीति, धर्म आधारित नफरत की आग जानबूझकर इस राज्य में फैलाने का प्रयास भाजपा कर रही है। कुछ समय पहले भाजपा के ही एक नेता ने यह आरोप लगाया था कि रोहिंग्या मुसलमानों को सरगुजा क्षेत्र में बसाया जा रहा है जब प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू की संबंधित नेता को अपना कथन देने के लिए बुलाया गया तब भाजपा इस मुद्दे से पीछे हट गई क्योंकि आरोप लगाओ और भाग जाओ यह भाजपा की पुरानी फितरत रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने पूरी भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा है कि कल की पत्रकार वार्ता में भाजपा ने दावा किया था कि 200 शिकायतें धर्मांतरण को लेकर विभिन्न थानों में की गई हैं साथ ही साथ 20 एफिडेविट के साथ भी शिकायतें की गई है। अगर भाजपा में जरा सा भी नैतिक साहस है तो वे तमाम शिकायतें पत्रकार मित्रों के साथ सार्वजनिक करें और सरकार को सौंप दें। भूपेश बघेल तत्काल एक निश्चित समय सीमा के भीतर ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करेगी। इन शिकायतों को भाजपा सार्वजनिक करने से आखिर क्यों पीछे हट जाती है? क्यों भाजपा आज तक एक भी प्रमाणिक शिकायत सामने नहीं ला पाई है? मतलब स्पष्ट है नफरत की हिंसा झूठ बोलकर भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। जहां तक दिल्ली से आदेश की बात है तो हमे दिल्ली से आदेश बहुत स्पष्ट है कि नागपुर के इशारे पर अगर राज्य में कोई भी नफरत का वातावरण बनाकर हिंसा या दंगा कराने की कोशिश कोई करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

यह रमन सिंह का कार्यकाल नहीं है जब सड़क छाप गुंडे थाने में घुसकर किसी के साथ मारपीट भी करते थे और स्वतंत्र घूमते भी रहते थे। छत्तीसगढ़ में कानून का राज्य है और न्याय सभी के लिए है। फिर चाहे वह मुख्यमंत्री के पिता हों, सामान्य व्यक्ति हो या किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हों। किसी भी संप्रदाय धर्म को निशाना बनाकर नफरत फैलाने की राजनीति इस राज्य में ना ही सरकार बर्दाश्त करेगी और ना ही जनता। यह बात भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को जितनी जल्दी समझ में आ जाए उतना ही बेहतर होगा। प्रभु राम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी में हिंसा और नफरत के लिए कोई स्थान नहीं है।

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