रायगढ़। खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना से प्राप्त प्रोत्साहन राशि यानि इंसेंटिव के बंटवारे में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद कुछ जिलों में रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। रायगढ़ जिले में हुई धांधली पर 27 मार्च को कलेक्टर से शिकायत हुई थी। सीएमएचओ ने 1 अप्रैल का आदेश जारी कर जीवनदीप समिति में अस्थायी रूप से रखे गए चार कम्प्यूटर ऑपरेटर को हटा दिया गया है। सीएमएचओ जांच के बाद मनमानी करने वालों से रिकवरी की भी बात कह रहे हैं। पिछले हफ्ते रायपुर का जांच दल भी जिले में जांच कर चुका है। इस मामले में आयुष्मान भारत के सलाहकार तिलेश दीवान पर कार्रवाई हो सकती है।
प्रोग्राम एसोसिएट मनीष नायक के साथ मिलकर तिलेश ने ही इन्सेंटिव के लिए पात्र लोगों की सूची तैयार की थी। जीवनदीप समिति (जेडीएस) के अस्थायी कम्प्यूटर ऑपरेटर विनोद पटेल को तिलेश ने अपने साथ कार्यालय में अटैच किया हुआ था। उसने इलाज कराने वाले मरीजों की शक्ल भी नहीं देखी और अस्पताल से बाहर बैठकर इन्सेंटिव ले लिया। इस बात की भी जांच हो सकती है कि कहीं तिलेश ने लेन-देन कर जेडीएस ऑपरेटर का नाम तो इन्सेंटिव लेने वालों की सूची में नहीं डाल दिया। हालांकि तिलेश कह चुके हैं कि सूची रायपुर से फाइनल हुई है। शासन तक शिकायत पहुंचने और अस्पताल कर्मियों द्वारा कलेक्टर से शिकायत के बाद सीएमएचओ ने 1 अप्रैल को आदेश जारी किया है कि जेडीएस के कम्प्यूटर ऑपरेटर विनोद पटेल, टेकलाल, गोपाल और किसन साहू को 15 मार्च से ही आयुष्मान से अलग किया जा चुका है।