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CG LOK KALA : छत्तीसगढ़ी रंगमंच के संरक्षण की जरूरत पर राकेश तिवारी का जोर, कहा – सरकार और समाज दोनों उठाएं जिम्मेदारी

CG LOK KALA : Rakesh Tiwari stresses on the need to preserve Chhattisgarhi theatre, says – both the government and society should take responsibility

रायपुर, 08 अगस्त 2025। प्रसिद्ध लोक कलाकार राकेश तिवारी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की लोककला और रंगमंच को संरक्षित करने के लिए शासन और समाज दोनों को पहल करनी होगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी थिएटर में असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में युवा कलाकारों से काफी उम्मीदें हैं।

वे छत्तीसगढ़ी भाषा, साहित्य और संस्कृति को समर्पित मंच ‘आखर’ के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जो प्रभा खेतान फाउंडेशन और अभिकल्प फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं पूर्व प्रमुख लोकायुक्त टी.पी. शर्मा ने राकेश तिवारी को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन वैभव पांडे बेमेतरिहा ने किया, जबकि सूत्रधार की भूमिका गौरव गिरिजा शुक्ला ने निभाई।

विमर्श के दौरान राकेश तिवारी ने अपनी रंगमंचीय यात्रा, लोकनाट्य की भूमिका, और संगीत से जुड़ाव पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह बचपन से ही वे लोककला से जुड़ते गए – दादा-दादी से सुनी लोक गाथाएं और गांव में होने वाले नाचा-गम्मत कार्यक्रमों ने उन्हें गहरे रूप से प्रभावित किया। रायपुर आने के बाद वे रंगमंच, नाटक और आकाशवाणी से जुड़े और यहीं से उनकी कलाकार यात्रा ने नया मोड़ लिया।

उन्होंने अपने चर्चित नाटक ‘फोकलवा’ का भी उल्लेख किया, जिसे जनमानस से काफी सराहना मिली। उन्होंने बताया कि उनके दोनों पुत्र आज मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं और इस रचनात्मक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

कला के संरक्षण को लेकर राकेश तिवारी ने सुझाव दिया कि विद्यालयों और महाविद्यालयों में लोककला से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्य किए जाने चाहिए। इससे नई पीढ़ी में कला के प्रति समझ और जागरूकता बढ़ेगी और हमारी सांस्कृतिक विरासत को नई ऊर्जा मिलेगी।

कार्यक्रम में शहर के साहित्यकार, कलाकार और कला प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल हुए और मंच ‘आखर’ के प्रयासों की सराहना की।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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