उपयोजना मद की राशि से हितग्राहियों के जीवन में परिवर्तन आए: डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
रायपुर | आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आदिवासी क्षेत्र उपयोजना एवं अनुसूूचित जाति उपयोजना मद अंतर्गत विभिन्न विकास विभाग के कार्यो की समीक्षा की गई। डॉ. टेकाम ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि उपयोजना मद की राशि के उपयोग से वहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन आए, उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो और उनकों मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि उपयोजना मद की राशि से जहां अच्छा काम हुआ है वहां की सफलता की कहानी विभाग को प्रेषित करें, ताकि वहां जाकर उसे देखा भी जा सके। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि उपयोजना मद की राशि केन्द्र द्वारा सीधे विभागों को आवंटित की जाती है। मासिक समीक्षा के लिए जिलों के विभागीय अधिकारी आय-व्यय और प्रगति की जानकारी जिले के परियोजना प्रशासक को दें। डॉ. टेकाम ने कहा कि तृतीय त्रैमासिक समीक्षा में विभागों को आवंटित राशि की भी जानकारी लेकर व्यय राशि की समीक्षा की जाए।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 24 जिलों में 19 परियोजना, 9 माडा और 2 लघुअंचल क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में आदिवासी उपयोजना मद से राशि व्यय की जाती है। डॉ. टेकाम ने अधिकारियों को राशि के सदुपयोग और कार्यो की गुणवत्ता पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि परियोजना मद की राशि से हितग्राहियों के स्प्रिंकलर, मिनीकिट, सेडनेट, बांस के प्रमाणित किस्म के पौधे रोपण के लिए प्रदान किए जाते है। जल संसाधन विभाग द्वारा लघु मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण और मरम्मत, ऊर्जा विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं में विद्युत पंप ऊर्जीकरण, बीपीएल परिवारों को निशुल्क बिजली प्रदान करने के कार्य किए जाते है। रेशम विभाग के अधिकारी ने बताया कि कोकून पालन कार्य समितियों के माध्यम से किया जाता है। इस कार्य में 250 दिन का रोजगार वर्ष में उपलब्ध होता है और मजदूरी भी अच्छी मिलती है। उन्होंने बताया कि सारंगढ़ क्षेत्र में रंगीन कोकून पैदा करने में सफल हो गया है। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि परियोजना मद की राशि से आदिवासी शिल्पकारों को लाभ होता है। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हरियाली प्रसार योजना, पर्यावरण वानिकी, पौध वितरण, बांस विकास योजना, बिगड़े वनों के सुधार पर उपयोजना मद की राशि खर्च की जाती है। तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा परियोजना क्षेत्र में 77 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.) संचालित हो रहें है। आई.टी.आई. में नए टेªड स्मार्ट कृषि, स्मार्ट हेल्थ केयर, स्मार्ट फोन टेस्टिंग टेक्नीशियन, सोलर तकनीक का प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है। बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री डी.डी.सिंह एवं संचालक श्री मुकेश कुमार बंसल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।