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CG TEACHER PROMOTION : छत्तीसगढ़ में व्याख्याता पदोन्नति सूची पर विवाद, हाईकोर्ट आदेशों की अनदेखी, योग्य शिक्षक वंचित …

CG TEACHER PROMOTION: Dispute over lecturer promotion list in Chhattisgarh, High Court orders ignored, qualified teachers deprived…

रायपुर, 24 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 23 जुलाई को व्याख्याता (टी संवर्ग) पद के लिए जारी की गई 1227 शिक्षकों की पदोन्नति सूची अब विवादों में घिर गई है। सूची में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, जीवविज्ञान, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, इतिहास और वाणिज्य जैसे विषयों के शिक्षकों को प्रमोशन दिया गया है, लेकिन इसमें गंभीर अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं।

छत्तीसगढ़ व्याख्याता पदोन्नति समिति के प्रदेश संचालक मुकुंद उपाध्याय ने पदोन्नति सूची को न्यायालय के स्पष्ट आदेशों की अवहेलना बताया है और इसमें संशोधन की मांग की है।

हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी

उपाध्याय के अनुसार, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने 26 जुलाई 2024 को आदेश दिया था कि व्याख्याता पद के लिए B.Ed. डिग्री और स्नातकोत्तर में न्यूनतम 55% अंक अनिवार्य हैं। इसके बावजूद, सूची में ऐसे शिक्षकों को भी शामिल कर लिया गया है, जिनके स्नातकोत्तर में 50% से भी कम अंक हैं, यानी थर्ड डिवीजन वाले। यह सीधे-सीधे न्यायालय की अवमानना मानी जा रही है।

अनुभवी D.Ed. शिक्षक हुए उपेक्षित

वहीं दूसरी ओर, 20-25 वर्षों से पढ़ा रहे D.Ed. धारक शिक्षक केवल इस आधार पर अपात्र मान लिए गए कि उनके पास B.Ed. की डिग्री नहीं है, जबकि उनके पास वर्षों का अनुभव है। इससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है।

प्रमोशन सूची में इन खामियों पर सवाल

• कई शिक्षकों को विषय के अनुरूप प्रमोशन नहीं मिला।

• वरिष्ठता को नज़रअंदाज़ किया गया, दर्जनों सीनियर शिक्षक छूटे।

• थर्ड डिवीजन पास शिक्षकों को प्रमोशन मिला, जबकि गाइडलाइन के अनुसार वे अयोग्य थे।

• D.Ed. वाले अनुभवी शिक्षक वंचित रह गए।

• DPI द्वारा योग्यता की समुचित जांच किए बिना प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

पदोन्नति समिति की प्रमुख मांगें

• पदोन्नति सूची की तत्काल पुनः समीक्षा और संशोधन।

• NCTE, हाईकोर्ट आदेश और भारत सरकार के राजपत्र के अनुसार योग्य शिक्षकों को ही प्रमोशन मिले।

• अनुचित चयन रोका जाए ताकि मामला पुनः कोर्ट में लंबित न हो।

• प्राचार्य पद की काउंसलिंग के बाद पारदर्शी व्याख्याता पद काउंसलिंग कराई जाए।

क्या होगा आगे?

अगर विभाग समय रहते सूची में सुधार नहीं करता तो मामला न्यायालय में चुनौती का सामना कर सकता है, जिससे हजारों शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया वर्षों तक अटक सकती है।

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