CG BREAKING : केंद्रीय मंत्री के शब्दों का चयन ठीक नहीं, छत्तीसगढ़ का माहौल दूषित करने आई स्मृति ईरानी, जमकर बरसे कृषि मंत्री चौबे ..

CG BREAKING: The choice of words of the Union Minister is not right, Smriti Irani came to pollute the atmosphere of Chhattisgarh, Agriculture Minister Choubey lashed out ..
रायपुर। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने पलटवार किया है। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को शब्दों का चयन ठीक-ठाक करना चाहिए। ऐसे शब्द राजनीतिक प्रतिष्ठा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री को जवाब देना चाहिए कि केंद्र सरकार बनने से पहले महंगाई को कम करने की बात कही थी।
महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार असमर्थ है। छत्तीसगढ़ का माहौल दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है । जो कि लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। इसके अलावा बीजेपी की तैयारियों पर रविंद्र चौबे ने कहा कि- अगले साल नवंबर में ही विधानसभा का चुनाव होगा। 4 साल तक बीजेपी सुस्त अवस्था में थी। 15 साल जो कुशासन वह कभी स्थापित होने नहीं देगा। भानूप्रतापपुर में भी आदिवासी समाज प्रत्याशी उतारने की बात पर उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भानूप्रतापपुर में बटा हुआ है । कुछ आदिवासी समाज के लोग ही चाहते हैं कि हर गांव से प्रत्याशी उतारा जाए ।
शायद यह सफल नहीं हो पाएंगे । भानूप्रतापपुर हम जीतेंगे। नामांकन तक की पैंतरे बाजी है। जीएडी द्वारा पत्र लिखे जाने पर कहा- सामान्य प्रशासन द्वारा सतत इस तरीके के निर्देश जारी किए जाते हैं। लोकतंत्र में हमेशा जनप्रतिनिधियों का सम्मान रहना चाहिए । कभी-कभी कोई बातें आ जाती है । सामान्य प्रशासन ने निर्देश जारी किया गया है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान का विशेष ख्याल रखा जाए । कांग्रेस सरकार के संरक्षण में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं बीजेपी के आरोप पर चौबे ने कहा कि- यह आरोप निराधार है । जब बीजेपी सत्ता में थी तब भी अधिकारी यहीं थे और काम करते थे । बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के छत्तीसगढ़ दौरे पर रविंद्र चौबे ने
कसा तंज कहा भानूप्रतापपुर प्रदेश का सेमी फाइनल इलेक्शन है । 4 साल में 5 प्रभारी बदल दिए। बीजेपी भानुप्रतापपुर में सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर आज भी मुख्यमंत्री के साथ हैं। लगातार मेडिकल कॉलेजों के सीटों में वृद्धि कर रहे हैं । गांव में डॉक्टरों की कमी की हमेशा शिकायत रहती है । मेडिकल कॉलेजों से निकलने के बाद डॉक्टर गांव में जाकर सेवा देंगे। देखने में सामने आ रहा है कि मेडिकल कॉलेजों से निकलने के बाद बहुत सारे जो नए लोग हैं वह लोग दूर होते जा रहे। हम उम्मीद करते हैं बहुत सारे लोग जाकर गांव में सेवा देंगे। गांव में जाकर सेवा देने का प्रावधान है इसके तहत जाना ही पड़ेगा ।