Bageshwar Dham Baba : कथा बीच में रो पड़े धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बोले- ‘ नहीं भूले हैं आज का दिन’

Bageshwar Dham Baba : आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा के चौथे दिन भावुक हो गए। विश्राम की ओर बढ़ते हुए कथा में उन्होंने कहा कि हमें किसी की सफलता के पीछे उसकी विफलताओं व संघर्ष को जरूर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 साल पहले वह भिक्षा मांगने घर-घर जाया करते थे। उन्होंने अपने जीवन में आठ वर्षों तक भिक्षा मांगकर विषम परिस्थितियों में गुजर-बसर की। बरसात के मौसम में घर की छत टपकती थी। माता-पिता और भाई बहन सब एक ही कमरे में रहते थे। दीपावली के दिन अन्न भोजन का बड़ा संकट होता था। अपनी बहन के विवाह में जो कष्ट भोगा है, वह बड़ा पीड़ादायी है।
बहन की शादी के लिए लिया था उधार
बताया कि उन्होंने अपनी बहन के विवाह में 20 हजार रुपये की उधारी ली थी। एक एकड़ कृषि भूमि गिरवी रखनी पड़ी। यह कहते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भावुक हो गए और रूमाल से अपने आंसू पोछे। आगे कहा कि लेकिन वह अंधेरी रात, सूनी गलियां, कष्टदायी समय व विषम परिस्थितियों के दिन आज भी भूले नहीं हैं। जिसकी बात सुनने के लिए सरपंच भी घंटों बैठाकर प्रतीक्षा कराते थे, आज उसकी कथा सुनने के लिए लाखों लोग पूरे श्रद्धाभाव से आते हैं।
यह सब चमत्कार नहीं, हनुमान जी कृपा और उनका प्रताप ही है। कहा कि मुझ जैसे अपात्र को हनुमान जी ने पात्र बना दिया, इसलिए मेरठवासियों आप भी हनुमान जी की शरण को पकड़ लो, जीवन सफल हो जाएगा। आगे कहा कि जिस-जिस पर जग हंसा, उसी ने इतिहास रचा।
उदाहरण देते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर, अब्राहम लिंकन, बराक ओबामा, बिल गेट्स जैसे कई बड़े नाम हैं, जिन्हाेंने अपनी सादगी, विनम्रता, सरलता व सहजता से पूरे विश्व का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि हमने अपनी बहन के विवाह में जो कष्ट भोगा, अब आगे नहीं चाहते कि किसी भाई को यह दुख भोगना पड़े। इसलिए वह बागेश्वर धाम में निर्धन लड़कियों की हर साल बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह का आयोजन कराते हैं।
उन्होंने कहा कि जिसके यहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे हो और देश-विदेश से अपनी समस्याएं लेकर धाम पर आया करते हों, यह सब हनुमान जी की कृपा व उनके प्रताप के बिना असंभव है।
माता-पिता की नाम रोशन करो, शिक्षा और संस्कार दो
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा के अंत में संतान को संस्कारवान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षित करोे, उन्हें संस्कार दो। इसी से उनका भला होगा। कहा कि आपके माता-पिता कहीं निकले तो दुनिया कहे कि ये लोग उनके माता-पिता हैं। यह क्षण प्रत्येक माता-पिता के लिए गर्व का पल होता है।
जब उनकी पहचान उनकी संतान से होती है। कहा कि केवल यही सुख वह अपने जीवन में अपनी मां को दे पाए हैं, जब कोई आकर उनसे कहता है कि यह आपका ही बेटा है। पीठाधीश्वर ने मंच से युवाओं को नशा, नींद, पराई स्त्री व सूर्यास्त के बाद सोने को छोड़ने के लिए आह्वान किया।
भक्ति और संपन्नता दोनों में अग्रणी मेरठ के लोग
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भगवान की जरूरत भी गरीब लोगों को अधिक होती है। भगवान की भक्ति व उपासना जो साधारण परिवार अपनी श्रद्धाभाव से कर सकता है, वह एक संपन्न परिवार नहीं करता, लेकिन मेरठ के लोग ऐसे हैं, जो भक्ति और संपन्नता दोनों में अग्रणी हैं। इसके लिए उन्हें साधुवाद और बारं-बारं वंदन है। आह्वान किया मेरठ के वासियों अपना सर्वस्व जीवन हनुमान जी को समर्पित कर दो, फिर देखो जीवन कैसे बदलता है।