पद में बने रहने के लिए आश्रम अधीक्षिका ने दिखाया धौंस, कलेक्टर ट्रांसफर आदेश बदलने को हुए मजबूर
सुकमा। प्रदेश के अंतिम छोर पर कोंटा में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय इन दिनों अधीक्षिका प्रभार विवाद को लेकर चर्चा में है. अधीक्षिका ने ऐसा धौंस जमाया कि कलेक्टर अपना ट्रांसफर आदेश बदलने को मजबूर हो गए. लेकिन इस एक माह तक पद को लेकर मची खींचतान ने जिला प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है.
बताते चले कि कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने 25 सितंबर को एक आदेश जारी करते हुए कस्तूरबा विद्यालय में नई अधीक्षिका के रूप में ममता शिखरवार की नियुक्ति की थी. इसके साथ उन्होंने मौजूदा अधीक्षिका माहेश्वरी निषाद को पद से हटाते हुए उन्हें उनके मूल पदस्थापन स्थान प्राइमरी स्कूल ओडिनगुड़ा लौटने का निर्देश दिया था. लेकिन एक महीने बीतने के बावजूद माहेश्वरी निषाद ने पद नहीं छोड़ा. इस बीच ममता शिखरवार ने पदभार तो ग्रहण कर लिया, लेकिन माहेश्वरी समर्थकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
यहां तक छात्राएं तक ममता शिखरवार की पदस्थापना का विरोध करते हुए माहेश्वरी निषाद को यथावत रखने की मांग करने लग गईं. दबाव बनाने की रणनीति पर काम करते हुए कलेक्टर को अपना निर्णय बदलने के लिए हॉस्टल की बच्चियों 80 किलोमीटर दूर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गई. कलेक्टर से मिलकर माहेश्वरी निषाद को पद पर बनाए रखने की मांग की. छात्राओं को समझाने के बाद कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि छात्राओं को सुरक्षित वापस भेजा जाए. हालांकि, यह बात और है कि रात 10 बजे बच्चियां के हॉस्टल पहुंचने पर हॉस्टल अधिक्षिका उन्हें उतारते नजर आईं.