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ग्रामीण की मौत के बाद परिजनों ने बिना पोस्टमॉर्टम के ही दफना दिया, कब्र खोदकर निकाला शव

बिलासपुर : पुलिस को एक केस की जांच करने के लिए तीन माह से दफन शव को निकलवाना पड़ा। ग्रामीण की मौत के बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। तीन माह बाद पुलिस जांच के लिए जब गांव पहुंची, तब इसका खुलासा हुआ। जोंधरा में तेज रफ्तार हाईवा ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी, जिससे रामकुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद आसपास के लोगों ने रामकुमार के साथ ही भागवत प्रसाद को बलौदाबाजार जिले के लवन स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था।

घटना की जानकारी मिली, तब परिजन लवन पहुंचे। वहां भागवत प्रसाद को मामूली चोंटे आई थी। वहीं, रामकुमार की स्थिति गंभीर थी। उसकी हालत देखकर परिजन उसे इलाज के लिए बिलासपुर लेकर आ गए। यहां कुछ दिन अस्पताल में इलाज कराने के बाद परिजन अपनी आर्थिक हालात को देखते हुए रामकुमार को घर ले गए और 2 जून को उसकी मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, ग्राम सेमराडीह निवासी अनिकेत नेताम बाइक मैकेनिक हैं। उसने बीते 25 मई को थाने में केस दर्ज कराया। जिसमें बताया कि उसके पिता भागवत प्रसाद अपने दामाद रामकुमार जगत के साथ किसी काम से जोंधरा की ओर जा रहे थे। अनिकेत नेताम की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 279, 337 के तहत केस दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस न तो परिजनों का बयान दर्ज किया और न ही केस की जांच शुरू की। पुलिस ने मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर उनकी मौजूदगी में शव को कब्र खोदकर बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम कराया। मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र का है।

TI मोहन भारद्वाज नई बताया कि जब परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराया था। उस समय युवक घायल था। हमने रिपोर्ट भी दर्ज किया था। घायल भी अस्पताल में भर्ती था। मगर जब बिना इलाज कराए परिजन घर ले गए और उसकी मौत हो गई, तो हमें सूचना देनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने सूचना नहीं थी। हमें लग रहा था वो ठीक हो गया, इलाज के बाद। अब हम जब बयान दर्ज करने पहुंचे, तब हमें मामले का पता चला है।

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