शिक्षा के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश बढ़ रहा है । जोगी सरकार ने जब राज्य में प्रायवेट यूनिवर्सिटी खोलने की अनुमति दी थी तब विपक्षी भाजपा के लोगों ने खूब हंगामा मचाया था और कुछ लोग तो हाईकोर्ट तक गए थे लेकिन ये बीते वक्त की बात है । अब प्रभावशाली लोगों की अपनी यूनिवर्सिटी हो चुकी है । पूर्व उपमहापौर गजराज पगारिया की मैट्स युनिवर्सिटी अच्छी चल रही है । बिल्डर प्रकाश दावड़ा ने भी यूनिवर्सिटी खोलने के लिए आवेदन लगाया है वे कालेज तो चला ही रहे हैं । दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल के पुत्र ने भी भी अपने भागीदारों के साथ मिलकर युनिवर्सिटी खोलने का प्लान किया । उनका कालेज भी अच्छा चल रहा है । महाराष्ट्र में तो दिग्गज नेताओं के अपने स्कूल और कालेज हैं । अगर छत्तीसगढ़ नेता अनुसरण कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है ।
खैरागढ़ में रमन सिंह की भूमिका
खैरागढ़ चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा में प्रत्याशी के नाम पर मंथन चल रहा है । चर्चा है कि कांग्रेस महिला प्रत्याशी उतार सकती है । भाजपा में यदि रमन सिंह सहमत हुए, तो उनके भांजे विक्रांत सिंह प्रत्याशी होंगे । मगर वो तैयार नहीं हो रहे हैं रमन सिंह अभी भी कोमल जंघेल को टिकट देना चाहते हैं, जो कि दो बार चुनाव हार चुके हैं ।
चर्चा हैं कि रमन सिंह की सहमति से न सिर्फ भाजपा बल्कि जनता कांग्रेस का प्रत्याशी भी तय होगा । कहा जा रहा है कि बसपा ने जो भूमिका यूपी में निभाई थी वही भूमिका जनता कांग्रेस में निभाएगी । लेकिन यूपी की तरह भाजपा को खैरागढ़ में फायदा मिलता है या नहीं, देखने वाली बात होगी ।
अजय चंद्राकर का गुस्सा
अजय चंद्राकर पुलिस अफसरों से काफी खफा हैं । वो खफा क्यों हैं, इसका कोई कारण अफसरों को समझ नहीं आ रहा है । विधानसभा में उन्होंने डीजीपी पर खुन्नस निकालते हुए यहां तक कह दिया कि उनके आगे गिरगिट भी फेल हो गए हैं । वैसे अजय जब मंत्री थे विशेष कर अफसरों के साथ उनका व्यवहार फ्रेंडली रहता था । अजय जब विदेश यात्रा से वापस आते थे अफसरों के लिए कुछ न कुछ जरूर लाते थे । उनकी तीमारदारी से न सिर्फ अफसर बल्कि उस समय पार्टी के कर्ता धर्ता सौदान सिंह भी खुश रहते थे । अब विपक्ष में रहकर सरकार में बैठे लोगों की तरह महत्व मिलना मुश्किल है । लेकिन ये बात अजय चंद्राकर को समझाए कौन ।
राजेश मूणत का दबदबा
राजेश मूणत चुनाव भले ही हार गए हैं लेकिन पार्टी में अभी भी उनकी तूती बोलती है। पिछले दिनों जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कार्यकारिणी की बैठक रखी लेकिन मूणत कश्मीर फाइल्स देखने का प्रोग्राम बना लिया और कार्यकारिणी को साथ लेकर निकल गए । आखिरकार मनमसोस कर श्रीचंद को बैठक स्थगित करनी पड़ी
सीजीएमसी में टेंडर का लोचा
सीजीएमसी में पिछले एक साल में दवा और उपकरण की खरीदी के जितने टेंडर निरस्त हुए हैं उतने पहले कभी नहीं हुए । रेट कान्ट्रेक्ट तकरीबन बंद हो चुका है । सप्लायर निचले स्टाफ को कोसते दिखाई देते हैं लेकिन एमडी कार्तिकेय गोयल को कुछ नहीं कहते हैं क्योंकि उनका व्यवहार अच्छा रहता है । एक बात स्पष्ट है व्यवहार अच्छा हो तो गलतियां भी नजर अंदाज हो जाती है ।