UIDAI DEAD AADHAAR : Active Aadhaar of dead people in the country, risk of disruption in banks and government schemes
नई दिल्ली, 13 नवंबर 2025। देश में आधार कार्ड जारी हुए 15 साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड बन चुके हैं, लेकिन 8 करोड़ से अधिक मृतकों में से केवल 1.83 करोड़ का आधार निष्क्रिय किया गया है। करीब 6 करोड़ मृतक अब भी सक्रिय आधार के धारक हैं, जिससे बैंक फ्रॉड, फर्जी खाते और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है।
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि भारत के महापंजीयक (RGI) से अब तक UIDAI को 1.55 करोड़ मृतकों का डेटा मिला है। नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 38 लाख और मृतक जुड़े। 1.17 करोड़ आधार निष्क्रिय किए जा चुके हैं और दिसंबर तक 2 करोड़ कार्ड निष्क्रिय करने का लक्ष्य है।
UIDAI ने चार महीने पहले मृत्यु सूचना पोर्टल शुरू किया, ताकि परिजन ऑनलाइन मृतक का आधार निष्क्रिय कर सकें। अब तक केवल 3,000 लोगों ने जानकारी दर्ज की, जिनमें से 500 ही पुष्टि के बाद निष्क्रिय किए गए।
भुवनेश कुमार ने कहा कि मृत्यु का पंजीकरण अब भी कैजुअल है। 2016 से अब तक 8 करोड़ मौतों का अनुमान है। लगभग 48 लाख रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो पाया है, जिसमें 80 मामले ऐसे हैं जिनमें मृत घोषित लोगों को बाद में जिंदा पाया गया।
UIDAI डेटाबेस में 8.3 लाख लोग 100 साल से अधिक उम्र के हैं, जिसमें महाराष्ट्र में 74,000, यूपी में 67,000, आंध्र में 64,000 और तेलंगाना में 62,000 शामिल हैं।
बैंकों और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी भी सामने आई है। SBI के 22 करोड़ आधार-लिंक्ड खातों में 8 लाख मृतकों के खाते बंद किए गए। PNB के 14 करोड़ खातों में 4 लाख की मौत पुष्टि हुई। 80 करोड़ राशन कार्डों में से 4.5 लाख मृतकों के कार्ड सक्रिय हैं। पेंशनरों में 22 लाख मृतक हैं और बीमा कंपनियों के पास 5 लाख मृतकों की जानकारी है।
