Ayushman Bharat scheme: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इंसेंटिव वितरण में गड़बड़ी सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है। इस मामले में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है जिसने मामले की जांच शुरु कर दी है। मामले में जिला अस्पताल के कर्मचारियों के बयान भी लिये जा रहे हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि जिला अस्पताल को मिले इंसेंटिव में महज 45 फीसदी राशि का वितरण ही किया गया है जबकि कई अपात्रों के नाम भी सूची में सामने आए हैं। हालांकि अधिकारी जांच प्रक्रिया जारी होने की बात कहते हुए कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। इधर जानकारों का कहना है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच की जाती है तो कई गड़बड़ियां उजागर होंगी।
जांच में ये बात सामने आई है कि जिला अस्पताल को साल 2022-23 के लिए 1 करोड़ 30 लाख रुपए का इंसेंटिव मिला था लेकिन विभाग ने सिर्फ 60 लाख रुपए का ही वितरण कर्मचारियो में किया। इतना ही नहीं सूची बनाते समय कई अपात्रों के नाम भी शामिल किए गए थे ताकि स्क्रूटनी के दौरान अपात्रों के नाम कटने पर शेष कर्मचारियों को अधिक राशि का वितरण किया जा सके। जांच में ये बात सामने आई है कि प्रोग्राम एसोसिएट ने आयुष्मान भारत योजना के सलाहकार के साथ मिलकर सूची बनाई थी। इतना ही नहीं सिविल सर्जन से भी ज्यादा पैसे कंप्यूटर आपरेटर को दिए गए। जांच में ये बात सामने आई है कि 3944 प्रकरणों की इंट्री करने पर कंप्यूटर आपरेटर को सिविल सर्जन से भी ज्यादा 60 गजा 733 रुपए दिए गए हैं, जबकि सिविल सर्जन को 4051 केस करने पर भी सिर्फ 31 हजार 212 रुपए का भुगतान किया गया।
