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LOKSABHA ELECTION 2024 : कांग्रेस परफार्म सुधारने लगा रही एड़ी चोटी का जोर, BJP को टक्कर देने फिर होंगे जय वीरू मैदान में .. आज लिस्ट होगी जारी

LOKSABHA ELECTION 2024: Congress is trying hard to improve its performance, Jai Veeru will again be in the field to compete with BJP.. list will be released today

रायपुर। दिल्ली में आज होने वाली कांग्रेस हाईकमान की बैठक में सारे पत्ते खुल जाएंगे? भाजपा को करारा टक्कर देने और विधानसभा चुनाव में हार के जख्म का बदला लेने के लिए कांग्रेस सिर्फ जीतने वाले ही प्रत्याशी घोषित कर सकती है। आज होने वाली बैठक के पहले जो नाम चर्चा में है और अनुशंसा के साथ भेजे गए नामों में वही चकित करने वाले नाम है जो अपने को कद्दावर मंत्री कहते थे और चुनाव हार गए हैं। उन हारे हुए मंत्रियों पर कांग्रेस दांव लगाने जा रही है ऐसी खबर है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को हारे मंत्रियों के बजाय जीते हुए विधायकों पर दांव लगानी चाहिए जिससे परिणाम जरूर चौकाने वाले हो सकते हैं। कांग्रेस से तीन माह पहले विधायक बने नेताओं का विधानसभा क्षेत्र में वर्चस्व कायम है। जिसका लाभ सीधे कांग्रेस को मिल सकता है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में परफार्म सुधारना ही होगा नहीं तो लोग मोदी की गारंटी के बोझ के नीचे दब जाएंगे? 70 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस को जब 2003 से 2018 तक सत्ता से बाहर रहने के बाद भूपेश ने जिस करिश्माई तरीके सत्ता पर काबिज कराया जिसे उसके ही लोगों ने विश्वासघात कर सत्ता से बाहर करवा दिया।

कांग्रेस को फिर 2018 वाले परफार्म में आना होगा, मोदी के 10 साल के कार्यकाल और अपने पांच साल में किए कामों को जनता तक पहुंचाना होगा। जो भरोसा खो दिया है उसे वापस पाना होगा। जिन कारणों से कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारकर सत्ता से बाहर हो गई, उसे सुधारने के लिए कांग्रेस लोकसभा की 11 सीटों पर भाजपा को तगड़ी टक्कर देने जय-वीरू को जोड़ी को फिर से मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस हाई कमान वो टेगलाइन नहीं भूल पाई जिसे कांग्रेस के चाटुकार नेता पांच साल तक अलापते रहे है भूपेश है तो भरोसा है, और वही लोग भूपेश को हराने के बाद अब बचा खुचा बदला लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान को बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को भूपेश बघेल ही टक्कर दे सकता है। ये बात गूढऱहस्य वाला होने के बाद भी हाई कमान समझ गई है। जबकि विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ भीतरघातियों की शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं की।

कांग्रेस को सत्ता के बाहर करने के बाद भूपेश विरोधियों के दिल को ठंडक नहीं मिली है, तो अब आखिरी दांव लोकसभा चुनाव में हारे मंत्रियों के साथ जय-वीरू की जोड़ी को फिर से उतारने का लाभ हाईकमान को गिना चुके है। हाईकमान भी भूपेश है तो भरोसा है, पर भरोसा कर सकती है। लोकसभा चुनाव की चुनौती का अंदाजा इसी रणनीति से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस जीते हुए विधायकों के स्थान पर हारे हुए तत्कालीन मंत्रियों पर दांव लगाने जा रही है।

लोकसभा के लिए भेजे गए उम्मीदवारों की सूची में विधानसभा चुनाव में हारे कद्दावर मंत्री रह चुके कई नेताओं के नाम पहले रखे गए हैं। कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव की चुनौती का अंदाजा इसी रणनीति से लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीते हुए विधायकों के स्थान पर हारे हुए तत्कालीन मंत्रियों पर दांव लगाने जा रही है। लोकसभा के लिए भेजे गए उम्मीदवारों की सूची में विधानसभा चुनाव में हारे कद्दावर मंत्री रह चुके कई नेताओं के नाम पहले रखे गए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ये विधानसभा में भले ही हार गए, लेकिन कांग्रेस को अब भी उनके अनुभवों पर विश्वास है। नई दिल्ली में हुई कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी विधानसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों की जगह हारे हुए अनुभवी मंत्रियो को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने पर जोर दिया गया है।

इसके पीछे भाजपा के नए चेहरों के सामने कांग्रेस के हारे हुए, लेकिन कद्दावर नेताओं को सामने रखे जाने की रणनीति है। कांग्रेस के सामने विकल्पों की भी कमी है। संभावित सूची में दुर्ग से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, महासमुंद से पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, जांजगीर से पूर्व मंत्री शिव डहरिया, रायपुर से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय आदि के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। यद्यपि कांग्रेस पार्टी जीते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत को भी लोकसभा में टिकट दे तो आश्चर्य नहीं होगा।

संभावित सूची में इनका नाम शामिल –

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 11 लोकसभा सीटों में से तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम चर्चा में शामिल किए गए हैं, यानि इन सीटों पर पुन: चर्चा होगी। जानकारी के अनुसार, रायगढ़, महासमुंद व रायपुर सीटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी में लंबी चर्चा हुई। इन सीटों में एक से अधिक नामों के प्रस्ताव शामिल किए गए, जिसकी वजह से पदाधिकारियों ने इस सीटों पर सिंगल नाम तय नहीं किया है। वहीं, बस्तर में वर्तमान सांसद व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज की सीट फाइनल मानी जा रही है। कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों में बस्तर-दीपक बैज, कांकेर- वीरेश ठाकुर, राजनांदगांव- भूपेश बघेल, जांजगीर- शिव डहरिया, सरगुजा-शशि सिंह (महिला), कोरबा-ज्योत्सना महंत (महिला), बिलासपुर-टीएस सिंहदेव,शैलेश पांडेय या विष्णु यादव, दुर्ग-ताम्रध्वज साहू, राजेंद्र साहू और रायपुर से विकास उपाध्याय का नाम शामिल हैं।

बृजमोहन अग्रवाल के सामने दमदार प्रत्याशी की तलाश –

11 लोकसभा सीटों में से छह सामान्य सीटों पर जातिगत समीकरण भी हावी नजर आ रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में बनी क्वांटीफायबल डेटा आयोग की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। राजधानी में भाजपा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल के सामने दमदार प्रत्याशी तलाशने के लिए कांग्रेस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। रायपुर से कांग्रेस के अनुभवी नेता को भी टिकट मिल सकती है, लेकिन कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक रायपुर से विकास उपाध्याय सबके पसंद बने हुए है। बड़े नेता लड़ेंगे लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित करने में पिछडऩे के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की दिल्ली में औपचारिक तौर पर आम सहमति बनती जा रही है और आलाकमान को भी ये फार्मूला बहुत पसंद आ रहा है। लगभग सभी बड़े नेता लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो गए है। आज 7 मार्च को महत्वपूर्ण इलेक्शन कमिटी की बैठक के बाद 8 और 9 तारीख को कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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