KOTA SUICIDE CASE : मुंह पर पॉलीथिन गले में रस्सी, कोटा छात्र की मौत मामले में क्लासमेट, हॉस्टल मालिक समेत 6 पर हत्या का मामला दर्ज
KOTA SUICIDE CASE: Polythene rope around mouth, murder case registered against 6 including classmate, hostel owner in Kota student’s death case
राजस्थान के कोटा में नीट एग्जाम की तैयारी करने आए छात्र की मौत के मामल में नया मोड सामने आया है. गुरुवार (03 अगस्त 2023) को 17 वर्षीय छात्र मनजोत सिंह का शव उसी के होस्टलरू में मिला था. शुरुआत में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा था लेकिन अगले ही दिन चौका देने वाला मामला सामने आया है. राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार को छात्र के एक क्लासमेंट, होस्टल के मालिक और अन्य चार समेत 6 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.
चार महीने पहले कोटा आया था छात्र
17 साल का मनजोत सिंह छाबड़ा उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला था, जो अप्रैल में ही मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी के लिए कोटा आया था. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मनजोत का चेहरा प्लास्टिक की थैली में लिपटा हुआ और हाथ बंधे हुए थे. शुरुआत में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा था. हालांकि छात्र के पिता का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है.
मृतक छात्र के माता-पिता का आरोप है कि उनके बच्चे की हत्या की गई है. दरवाजा तो बंद था, लेकिन पीछे की खिड़कियों के दोनों दरवाजे टूटे थे. माता पिता का कहना है कि बच्चे के मुंह पर पॉलीथिन डालकर गले में रस्सी बंधी थी. पीछे से हाथ बंधे थे तो वह सुसाइड कैसे कर सकता है. उसकी हत्या की गई है और सुसाइड नोट तो कोई भी लिख सकता है. बच्चे की मां और पिता ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से न्याय की गुहार लगाई है.
क्लासमेट, हॉस्टल मालिक समेत 6 पर हत्या का मामला दर्ज
इसे पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि पिता की शिकायत के आधार पर, विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन में मृतक के एक क्लासमेंट, हॉस्टल मालिक केएस शाह, दो हॉस्टल प्रबंधकों उमेश कुमार और मुकेश शर्मा और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मृतक छात्र के इलाके का ही रहने वाला है क्लासमेट
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी क्लासमेट नाबालिग है और मृतक के बगल वाले हॉस्टल के कमरे में रहता था. सहपाठी उत्तर प्रदेश के उसी इलाके का रहने वाला है. मामले के जांच अधिकारी ने कहा कि अब तक हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है लेकिन वे आगे की जांच कर रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले पुलिस ने बताया था कि माता-पिता ने हत्या का मामला दर्ज होने तक शव लेने से इनकार कर दिया था और सिटी पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी से मुलाकात की थी. मृतक छात्र के माता-पिता की मांग पर पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमॉर्टम किया गया.