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78TH INDEPENDNCE DAY : महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर क्‍या बोले पीएम मोदी, पढ़ें बड़ी बातें

78TH INDEPENDNCE DAY: What did PM Modi say on women, Dalits and tribals, read the big things

नई दिल्‍ली। देश आज आजादी की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है। लाल किले पर पीएम मोदी का संबोधन चल रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री राजघाट पर पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। लाल किले पर होने वाले मुख्‍य कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़ें इंतजाम किए गए हैं।

पीएम मोदी का संबोधन –

आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी की तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे हैं।

आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश उनका ऋणी है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं।

सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों, वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।

इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंता बढ़ रही है। प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है। मैं आज उन सब के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं, देश इस संकट की घड़ी में उन सबके साथ खड़ा है।

आजादी के पूर्व 40 करोड़ देशवासियों ने जज्बा दिखाया और एक संकल्प लेकर चले और एक ही सपना था, भारत की आजादी। हमें गर्व है हमे हमारी रगों में उनका खून है। अगर 40 करोड़ आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं, तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, चुनौतियां कितनी भी हो। हर चुनौती को पार करते हुए हमें समृद्ध भारत बना सकते हैं। हम विकसित भारत का संकल्प पूर्ण कर सकते हैं।

विकसित भारत पर –

विकसित भारत 1947, ये सिर्फ भाषण के शब्द नहीं है, इसके लिए कठिन परिश्रम चल रहा है। इसके लिए हमने देशवासियों से सुझाव मांगे। इसके लिए देशवासियों ने अनगिनत सुझाव दिया। हर देशवासी का सपना इसमें झलकता है।

मैं समझता हूं, जब देशवासियों की इतनी विशाल सोच हो, उनके इतने बड़े सपने हों, देशवासियों की बातों में जब संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया दृढ़ संकल्प बन जाता है, हमारे मन में आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।

जल जीवन मिशन पर बोले –

जल जीवन मिशन के तहत इतने कम समय में 12 करोड़ परिवारों को नल से जल मिला है। आज 15 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी बन चुके हैं। समाज की अग्रिम पंक्ति के लोग इसके अभाव में नहीं जीते थे। दलित, पीड़ित शोषित और आदिवासी इसके अभाव में जी रहे थे।

रिन्‍यूएबल एनर्जी पर –

हमने वोकल फोर लोकल का मंत्र दिया। हर जिला अपनी पैदावार के लिए गर्व करने लगे हैं और प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कैसे हो इसके बारे में सोचने लगे हैं। रिन्‍यूएबल एनर्जी के मामले में जी 20 समूह के देशों ने जीतना किया है, उससे ज्यादा भारत ने किया है। भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए, ग्लोबल वार्मिंग से मुक्ति पाने के लिए , काम किया है।
बैंकिंग सेक्‍टर पर –

देश ने देखा है कि आजादी के बाद भी दशकों तक स्टेटस-को का माहौल बना रहा। हमने इसी मानसिकता को तोड़ा है। हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे। लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म्स का मार्ग चुना।

हमारे बैंकिंग सेक्टर संकट से गुजर रहे थे। हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए कार्य किया। दुनिया की मजबूत बैंकों में भारत की बैंकों ने अपना स्थान बनाया है और जब बैंक मजबूत होती है, तब फाॅर्मल इकोनॉमी मजबूत होती है।

रिफॉर्म पर –

देश को आजादी तो मिली, लेकिन लोगों को एक तरह से माई बाप कल्चर से गुजरना पड़ा। सरकार के पास हाथ फैलाते रहो। वही कल्चर डेवलप हुआ। हमने गवर्नेंस के इस कल्चर को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थी और हितार्थी के घर जाती है। आज सरकार खुद उसके घर बिजली-पानी पहुंचाती है। बड़ रिफॉर्म हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
हम सदियों की बेड़ियों को तोड़कर निकले हैं। आज पर्यटन क्षेत्र हो, MSMEs सेक्टर हो, शिक्षा हो, ट्रांसपोर्ट सेक्टर हो, खेल सेक्टर हो या खेती-किसानी का सेक्टर हो, हर क्षेत्र में एक नया आधुनिक सिस्टम बन रहा है।

स्‍व सहायता समूहों पर –

10 साल में 10 करोड़ बहनें महिला स्‍व सहायता समूहों से जुड़ी है। हमें गर्व है, महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही है। मुझे इस बात पर भी गर्व है। हमारे सीईओ दुनियाभर में अपनी धाक जमा रहे हैं।

हमारे लिए खुशी की बात है, एक तरफ सीईओ दुनियाभर में नाम कमा रहे हैं, दूसरी तरफ स्‍व सहायता समूह है देश की सामान्य परिवार की एक करोड़ बहनें लखपति दीदी बनती है। अब तक 9 लाख करोड़ बैंकों के माध्‍सम से महिला स्‍व सहायता समूहों को मिले हैं।

इज ऑफ लिविंग पर –

लोगों के जीवन में सरकार की दखल कम हो, इसके लिए हमने 1500 कानूनों को खत्म कर दिया। हमनें छोटे-छोटे कानूनों कारण जेल जाने की परंपरा थी, उन कानूनों को खत्म कर दिया। हर लेवल पर मै सरकार के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हैं, इज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए।

आज देश में करीब 3 लाख संस्थाएं काम कर रही हैं। चाहे वो पंचायत हो, नगर पंचायत हो, नगर पालिका हो, महानगर पालिका हो, UT हो, राज्य हो, जिला हो। मैं अपनी इन 3 लाख इकाइयों से आह्वान करता हूं कि आप साल में अपने स्तर पर सामान्य मानवी के लिए 2 रिफॉर्म करें और उसको जमीन पर उतारें।

मेडिकल एजुकेशन पर –

आज मेडिकल एजुकेशन के लिए बच्चे बाहर जा रहे हैं। उनके लाखों करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं। महने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब एक लाख कर दिया है। हमने तय किया है, अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएगी।

कृषि पर –

आज उर्वरक के कारण हमारी धरती की सेहत खत्म हो रही है, उत्‍पादक क्षमता खत्म हो रही है और मैं मेरे लाखों किसानों का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने प्राकृतिक खेती का रास्ता चुका है। हमने प्राकृतिक खेती के लिए बजट में प्रावधान किया है। ऑर्गेनिक फूड दुनिया पसंद बन रही है। भारत को प्राकृतिक फूड की बास्केट बनाया जा सकता है।

महिलाओं पर –

माताओं, बहनों पर जो अत्याचार हो रहे हैं। उसके प्रति देश का आक्रोश है। इसको देश को और हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्‍द से जल्‍द जांच हो, राक्षसी कृत्‍य करने वालों को कड़ी सजा हो, वो समाज में विश्वास बनाने के लिए जरूरी है।

जब दुष्कर्म की घटनाएं होती है, तब उसकी बहुत चर्चा होती है। जब ऐसे राक्षसी मनोवृत्ति वाले व्यक्ति को सजा होती है, तो वह खबरों में नजर नहीं आती। अब समय की मांग है, जिसको सजा हुई है, उसकी व्यापक चर्चा हो, ताकि ऐसा पाप करने वालों को डर पैदा हो और मुझे लगता है, ये डर पैदा करना जरूरी है।

आत्‍मनिर्भर भारत –

हमारी आदत हो गई थी कि रक्षा बजट कितना ही क्यों न हो, लेकिन कभी कोई ये नहीं सोचता था कि ये जाता कहां है? रक्षा बजट विदेशों से खरीदी में चला जाता था। अब हम चाहते हैं कि हम आत्मनिर्भर बने। मैं हमारी सेना को हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने हजारों ऐसी चीजों की लिस्ट बनाई है, जो अब विदेशों से नहीं लाई जाएंगी। इसी कारण डिफेंस सेक्टर में हम आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं।

विश्व समुदाय को संदेश –

जैसे-जैसे तवज्‍जो बढ़ेगा, वैसे चुनौतियां भी बढ़ेगी। बाहर की चुनौतियां बढ़ेगी। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं, भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। हम बुद्ध के देश है, युद्ध हमारी राह नहीं है। मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं, आप हमें सकंट मत मानिए। आप उन तरकीबों सम मत जुडि़ए जिसके कारण पूरी मानव जाति का कल्याण करने का सामर्थ्य जिस भूमि में है, उसे ज्यादा मेहनत करना पड़े। चुनौती को चुनौती देना, हिंदुस्‍तान की फितरत में हैं।

भ्रष्टाचार पर –

हमारा देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान रहा है। इसलिए हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। ईमानदारी के साथ लड़ाई जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल पैदा करना चाहता हूं।

बांग्लादेश पर –

बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना, मै इसको समझ सकता हूं। मैं आशा करता हूं, वहां पर हालात जल्द सामान्य होंगे। वहां के हिंदू और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर –

सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं, क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। संविधान निर्माताओं का सपना पूरा करना हम सबका दायित्व है।

इस गंभीर विषय पर देश में व्यापक चर्चा और उन कानूनों को, जो देश को धर्म के आधार पर बांटते हैं, उन कानूनों काे को आधुनिक समाज में कोई स्‍थान नहीं हो सकता। आज समय की मांग है देश में सेकुलर सिविल कोड हो और तब जाकर देश में धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहे, उससे मुक्ति मिलेगी।

पीएम ने दी बधाई –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्‍स हैंडल पर पोस्‍ट कर देशवासियों को स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्‍होंने लिखा, ‘सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद!’

अमित शाह ने दी शुभकामनाएं –

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्‍स हैंडल पर लिखा, आज का दिन सभी भारतवासियों के लिए राष्ट्र के प्रति निष्ठा, कर्त्तव्य व शहीदों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन है। उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाने के लिए योगदान दिया। आइए, आज हम सभी भारत को विश्व में सबसे आगे ले जाने का संकल्प लें और आजादी के नायकों के सपनों के भारत का निर्माण करें।’

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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