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लॉस एंजिल्स में हिंसा : ट्रंप ने भेजे गार्ड, रिपोर्टर को मारी रबर बुलेट

Violence in Los Angeles: Trump sent guards, reporter shot with rubber bullet

लॉस एंजिल्स, 9 जून 2025। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में अवैध प्रवासियों पर चल रही कार्रवाई के विरोध में दो दिन से जारी प्रदर्शन अब उग्र और हिंसक हो गया है। शुक्रवार को शुरू हुए विरोध ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़पें हुईं, जिसमें कई वाहन जलाए गए और शहर के प्रमुख हाईवे अवरुद्ध हो गए।

सबसे सनसनीखेज़ दृश्य तब सामने आया, जब एक महिला रिपोर्टर को लाइव कवरेज के दौरान पुलिस द्वारा रबर बुलेट मारी गई। यह दृश्य कैमरे में रिकॉर्ड हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इससे अमेरिका में प्रेस की स्वतंत्रता और पुलिस की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

क्यों भड़का प्रदर्शन? –

अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा शुक्रवार को लॉस एंजिल्स के फैशन डिस्ट्रिक्ट में की गई एक छापेमारी के दौरान 44 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें अधिकांश लैटिन अमेरिकी प्रवासी बताए जा रहे हैं। इस कार्रवाई से प्रवासी समुदायों में आक्रोश फैल गया, और सड़कों पर हजारों लोग उतर आए।

कैसे बढ़ी हिंसा? –

प्रदर्शनकारियों ने फ्रीवे और मुख्य सड़कों को जाम किया।

कई वाहनों में आग लगाई गई और इमारतों पर पथराव हुआ।

पुलिस ने जवाब में रबर बुलेट, आंसू गैस और फ्लैश बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर और पटाखे चलाए।

कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने कंक्रीट के टुकड़े तोड़कर पुलिस पर फेंके।

ट्रंप ने की नेशनल गार्ड की तैनाती –

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को संभालने के लिए 2,000 नेशनल गार्ड की तैनाती का आदेश दिया। यह फैसला कैलिफोर्निया के गवर्नर और लॉस एंजिल्स के मेयर की सहमति के बिना लिया गया, जिससे विवाद और गहरा गया है।

ट्रंप ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा – “अगर कैलिफोर्निया के गवर्नर और लॉस एंजिल्स के मेयर अपना काम नहीं कर सकते, तो संघीय सरकार हस्तक्षेप कर दंगों और लूटपाट पर नियंत्रण करेगी, जैसे करना चाहिए।”

गवर्नर गैविन न्यूज़म ने ट्रंप की कार्रवाई को “संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन” बताया और कहा कि यह कदम राज्य की स्वायत्तता के खिलाफ है।

प्रेस की आज़ादी पर संकट?

महिला रिपोर्टर को रबर बुलेट से घायल करने की घटना ने अमेरिका में मीडिया की आज़ादी पर भी बहस छेड़ दी है। यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अमेरिकी लोकतंत्र में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं?

इस घटना को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग और अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संगठन ने चिंता जताई है।

अमेरिका के लॉस एंजिल्स में प्रवासी विरोधी कार्रवाई के खिलाफ भड़का प्रदर्शन अब एक राष्ट्रीय राजनीतिक और मानवाधिकार संकट बन चुका है। ट्रंप की कठोर नीति, प्रेस पर हमले और जनता के गुस्से ने मिलकर एक जटिल स्थिति पैदा कर दी है, जिसकी आग आने वाले चुनावों में भी धधक सकती है।

 

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