लोकेशन बारनवापारा में बाघ की दस्तक….तीन साल में 52 वन्यजीवों की मौत ने बढ़ाई चिंता,वन्यजीवों की सुरक्षा पर उठे सवाल

Date:

बलौदाबाजार: लौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य में एक बार फिर बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई है। वन विभाग की टीमें अब उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और उसके संरक्षण के लिए सक्रिय हो गई हैं। यह घटना क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण के बढ़ते प्रयासों को तो दिखाती है, लेकिन साथ ही कई सवाल भी खड़े करती है—क्या बारनवापारा वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए तैयार है? डीएफओ गणवीर धम्मशील ने बताया कि यह बाघ पड़ोसी जिले गरियाबंद के देवभोग क्षेत्र या फिर पड़ोसी राज्य से आया हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए विभाग की विशेष टीम ट्रैकिंग कर रही है।

आपको याद दिला दें कि बीते 7 मार्च को सिरपुर क्षेत्र में एक शिक्षक ने बाघ देखा था और उसका वीडियो भी बनाया था। उस बाघ को बाद में तामोर पिंगला टाइगर रिजर्व में सुरक्षित छोड़ा गया था।

बारनवापारा अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों के लिए प्राकृतिक वातावरण तो अनुकूल है, लेकिन सवाल यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारी कितने तैयार हैं? पिछले तीन वर्षों के आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।

वर्ष 2023 में कुल 15 वन्यप्राणियों की मौत हुई

जिनमें से 8 आवारा कुत्तों के हमले

2 प्राकृतिक कारण, और

3 अज्ञात कारण बताए गए।

वर्ष 2024 में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 22 हो गया।

इनमें 4 आवारा कुत्तों के हमले

3 वन्यप्राणियों के हमले

4 प्राकृतिक कारण

2 अवैध शिकार

और 6 मौतों के कारण अज्ञात रहे।

वर्ष 2025 में अब तक 15 वन्यप्राणियों की मौत दर्ज की गई है

जिनमें 3 आवारा कुत्तों के हमले,

3 वन्यप्राणियों के हमले,

2 प्राकृतिक कारण,

1 बीमारी,

1 अवैध शिकार और 1 वाहन दुर्घटना शामिल है ।

इन आंकड़ों से साफ है कि बारनवापारा अभ्यारण्य में वन्यजीवों की सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। एक ओर जहां बाघ की मौजूदगी जंगल के जीवंत होने की निशानी है, वहीं लगातार होती मौतें संरक्षण प्रयासों पर सवाल खड़े कर रही हैं। अब देखना यह होगा कि वन विभाग इस बाघ की सुरक्षा और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कितनी ठोस कार्रवाई करता है।

 

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

#Crime Updates

More like this
Related