Chhattisgarh की कांग्रेस सरकार ने आदिवासी परिवार के बच्चो को स्कॉलरशिप से वंचित कर अपराध किया :भाजपा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री देव लाल ठाकुर ने कहा
छत्तीसगढ़ प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों के लिए मेघावी छात्रवृत्ति योजना चलती है जिसमे संग्राहक परिवार के दसवी एवं बारहवीं में जो बच्चे 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक अर्जित कर उत्तीर्ण होते है उन्हें लगभग पचीस हजार रुपये का स्कालरशिप मिलता है पर जब से कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी है तब से इन चार सालों में मात्र एक बार ही यह छात्रवृत्ति मिल पाया।
देवलाल ने कहा वर्ष 2020-21 की बात करे तो पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग सात हजार बच्चे दसवी एवं बारहवीं में 75 प्रतिशत अंक से ज्यादा अंक लेकर उत्तीर्ण हुए। उन सभी सात हजार बच्चों को स्कालरशिप करीब कुल मिलाकर सत्रह करोड़ मिलना था। पर आज पर्यन्त तक उन बच्चों को स्कालरशिप की राशि नही मिल पाई।
इन सात हजार बच्चों में सर्वाधिक आदिवासी परिवार के बच्चे हैं।
ऐसे में इस प्रदेश की कांग्रेस की सरकार को सोचना है जो अपने आपको आदिवासी हितेषी मानती है। कांग्रेस हमेशा से आदिवासियों का शोषण करते आ रही है.हमेशा आदिवासी समाज कांग्रेस सरकार में छले गए है। छात्रवृत्ति देने के लिए कोई अलग से फंड की आवश्यकता सरकार को नही रहती चुकि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार जब तेंदूपत्ता तोड़ता है तो उसका लाभांश का पैसा सरकार के पास जमा होता है उन्ही पैसो से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों को स्कालरशिप दिया जाता है।
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के राज्य सरकार के पास लगभग नौ सौ करोड़ जमा थे जिसमें से 17 करोड़ रुपए की राशि का बच्चों को स्कालरशिप दिया जाना था।
पर इस प्रदेश के आदिवासी विरोधी मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने ऐसा नहीं किया। तेंदूपत्ता लाभांश के करोड़ो रूपये की राशि को अपने विधानसभा पाटन क्षेत्र में खर्च कर दिया. जबकि इन पैसों से जनजाति आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए खर्च करना था. एक बार फिर इस प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदिवासी विरोधी चेहरा दिखा है।