थरूर ने फिर की पीएम मोदी की तारीफ, कहा- मोदी की ऊर्जा और गतिशीलता भारत के लिए प्रमुख संपत्ति

नई दिल्ली, 23 जून 2025: कांग्रेस सांसद और केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर अपनी पार्टी को असहज स्थिति में डाल दिया है। थरूर ने ‘द हिंदू’ अखबार के लिए लिखे एक लेख में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और सहभागिता की इच्छाशक्ति वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, और इसे और अधिक समर्थन मिलना चाहिए।”यह बयान थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों के संदर्भ में दिया। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य कार्रवाई की थी, जिसके बाद वैश्विक समुदाय को भारत का पक्ष समझाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों की राजधानियों में भेजा गया। थरूर ने इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जो गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका गया था।थरूर ने अपने लेख में लिखा कि इस मिशन ने भारत की एकजुटता और प्रभावी संवाद की ताकत को दर्शाया। उन्होंने कहा, “हमने हर मंच पर स्पष्ट किया कि भारत का सैन्य कदम आतंकवादियों पर केंद्रित था।
यह एक नैतिक और संयमित प्रतिक्रिया थी, जिसमें नागरिकों को नुकसान से बचाया गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के दृष्टिकोण का समर्थन किया और लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की।थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना करती रही है। पार्टी का दावा है कि भारत की कूटनीति कमजोर हुई है और देश वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ गया है। थरूर की टिप्पणी ने कांग्रेस के भीतर पहले से मौजूद मतभेदों को और उजागर कर दिया है। हाल ही में थरूर ने 20 जून 2025 को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच कुछ मुद्दों पर असहमति है।थरूर ने अपने लेख में यह भी सुझाव दिया कि भारत को अपनी वैश्विक रणनीति में तीन टी—तकनीक (Technology), व्यापार (Trade), और परंपरा (Tradition)—पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये तत्व भारत को जटिल वैश्विक परिदृश्य में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।सोशल मीडिया पर भी थरूर के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है। पीएम मोदी की तारीफ कर उन्होंने साबित किया कि राष्ट्रीय हित राजनीति से ऊपर है।” वहीं, कुछ कांग्रेस समर्थकों ने इसे पार्टी लाइन से हटकर बताया और थरूर की मंशा पर सवाल उठाए।यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने मोदी की तारीफ की हो। इससे पहले मार्च 2025 में, उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध के संदर्भ में भारत की तटस्थ विदेश नीति की सराहना की थी, जिसे विश्लेषकों ने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी की प्रशंसा माना था।थरूर की यह टिप्पणी न केवल कांग्रेस के भीतर बहस का विषय बनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भारत एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद कर सकता है।