फर्रुखाबाद। यूपी में डॉ. जाकिर हुसैन मैमोरियल ट्रस्ट घोटाले के मामले में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद सहित दो के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है. बता दें कि सचिव अतहर फारूकी के खिलाफ भी सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. तत्कालीन केंद्र सरकार से 71.50 लाख की धनराशि 2010 में मिली थी. इस रकम से ट्रस्ट में फर्रुखाबाद समेत करीब 16 जनपदों में दिव्यांगों को उपकरण बांटने का दावा किया था. हालांकि करीब 7 साल पहले संस्था विवादों में फंस गई और काली सूची में डाल दी गई.
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 2014 में विकलांग उपकरण घोटाले का मुद्दा उठाया था और फर्रुखाबाद आकर एक विशाल रैली की थी. पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद डॉ. जाकिर हुसैन मैमोरियल ट्रस्ट की परियोजना निर्देशक हैं. उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ के निरीक्षक रामशंकर यादव ने ट्रस्ट के तत्कालीन प्रतिनिधि प्रत्युश शुक्ला निवासी खतराना के खिलाफ बीते 1 जून 2017 को मुकदमा कायमगंज कोतवाली में दर्ज कराया था. इसमें 71.50 लाख रूपये भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा दिए गए थे. जिसका उपयोग दिव्यागों को कैम्प लगाकर उपकरण वितरण में किया जाना था. जिसमें आरोप था कि ट्रस्ट के द्वारा कूटरचित तरीके से अभिलेखों में हेरफेर कर अधिकारियों की फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाई गई.
साथ ही 3 जून 2010 को कायमगंज में दिव्यांग कैम्प का आयोजन भी दिखाया गया. दर्ज कराए गए मुकदमे में प्रत्युश को आरोपी बनाया गया था लेकिन प्रत्युश शुक्ला की मौत हो गई. मामले में फतेहगढ़ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें लुईस खुर्शीद के साथ ही ट्रस्ट के सचिव अतहर फारुखी पुत्र मो. अहमद का नाम दर्ज है. इस मामले में आगामी 16 अगस्त की तारीख सुनवाई के लिए निहित की गई है. जिसमें सीजेएम न्यायालय फतेहगढ़ ने लुईस खुर्शीद और अतहर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.