नई दिल्ली। एनईईटी-यूजी (NEET-UG) पर बढ़ते विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ, हितेन सिंह कश्यप की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
हितेन सिंह कश्यप ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और बिहार सरकार से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। इसमें कहा गया है कि अन्य लंबित जनहित याचिकाओं पर आठ जुलाई को विचार किया जाएगा, जब शीर्ष अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद कामकाज शुरू करेगी।
1 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों देंगे फिर से परीक्षा
केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए अंक रद्द कर दिए हैं।
केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए उन्हें दिए गए क्षतिपूर्ति अंक वापस लेने का विकल्प होगा। नोटिस में कहा गया है, NEET रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स का रिएग्जाम होगा, ये 23 जून को आयोजित किया जाएगा।
24 लाख उम्मीदवार हुए थे शामिल
जानकारी के लिए बता दें कि परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन 4 जून को घोषित किए गए, क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो गया था।
हाईकोर्ट में दर्ज हैं सात मामले
इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार जैसे राज्यों में प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गये। बता दें कि देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा एनईईटी-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।