Trending Nowशहर एवं राज्य

अंधविश्वास बना मासूम की हत्या का कारण दुर्ग पुलिस का अच्छा प्रयास 48 घंटे में निकाले हत्यारे को खोज कर निकालें

 

दिनांक 29.12.2019 को थाना अंडा में ग्राम ऑलबरस से यह सूचना मिली कि गांव के ही खेत में जले हुए पैरों के ढेर पर एक जली हुई लाश है उक्त सूचना के मिलने पर तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण  लखन पटेल एसडीओपी पाटन  आकाश गिरिपुंजे व उप पुलिस अधीक्षक क्राइम  प्रवीण तिवारी व फॉरेंसिक एक्सपर्ट श्रीमती अनुपमा मेश्राम थाना अंडा के बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा घटनास्थल का मुआयना करने के उपरांत गांव में व आसपास के करीबी थाना क्षेत्रों में ऐसे किसी गुम हुए व्यक्ति के बारे में पताशा जी की गई जिस पर यह जानकारी मिली की निकटवर्ती जिला बालोद के थाना अर्जुंदा में दिनांक 26.12.2019 को एक 15 वर्षीय बालक रुद्र नारायण देशमुख के दिनांक 23.12.2019 से गुम होने की सूचना दर्ज है तथा प्रारंभिक पतासाजी में यह ज्ञात हुआ कि उक्त बालक अपने ग्राम सलोनी थाना अर्जुंदा से दिनांक 23.12.2019 को मडई देखने ग्राम ऑल बरस आया था जिस पर तत्काल घटनास्थल में मिले जूतों तथा जले हुए कपड़े के अवशेषों बेल्ट के बक्कल के तस्वीरों के आधार पर उक्त गुम बालक के परिजनों को बुलाकर शव की पहचान कराई गई जिस पर परिजनों द्वारा उक्त जले हुए शव को रूद्र नारायण देशमुख का ही होना बताया गया। जिस पर तत्काल ऑलबरस एवम सलोनी में ही रहने वाले उसके मृतक बालक के रिश्तेदारो से पूछताछ किया गया जिससे ज्ञात हुआ की बालक के दूर के जीजा पंचू राम देशमुख से बालक की अच्छी पहचान थी अक्सर पंचूके साथ बालक घुमता ओर देखा जाता है की पतासाजी की गई जिसके बारे में गांव आलबरस में पूछताछ करने पर यह मालूम पड़ा कि वह भी मड़ई के अगले दिन 24 तारीख की सुबह से कहीं चला गया है तथा मृत बालक रूद्रनारायण देशमुख के परिवार वाले भी लगातार रूद्र नारायण की पतासाजी के लिए पंचू राम से संपर्क कर रहे थे किंतु संपर्क नहीं हो पा रहा था और ग्राम ऑलबरस में भी पंचराम देशमुख के किसी रिश्तेदारों को यह नहीं मालूम था कि वह कहां गया है घटना में पंचू राम देशमुख की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होने तथा मामला हत्या का लगने पर तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री अजय यादव के द्वारा प्रकरण के निकाल और आरोपी के गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री लखन पटले अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पाटन आकाश राव गिरेपुंजे उप पुलिस अधीक्षक क्राइम श्री प्रवीण तिवारी व थाना प्रभारी अंडा राजेश झा के नेतृत्व में टीम गठित की गई तथा तकनीकी जानकारी के आधार पर संदिग्ध पंचू राम देशमुख के संभावित ठिकानों पर दबिश देते हुए उसे धमतरी के नगरी सिहावा क्षेत्र के गुटकेल नामक गांव के समीप से हिरासत में लिया गया।

पूछताछ पर पंचुराम देशमुख ने बताया कि वह 2011 में अपनी शादी के उपरांत से ही अपने ससुराल ग्राम सलोनी जिला बालोद में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था जहां आज से ढाई वर्ष पूर्व उसकी मुलाकात धनराज नेताम नामक व्यक्ति से हुई जो कि उसके ग्राम में बंदर भगाने के लिए आया था यहां धनराज नेताम से ही बातचीत में धनराज नेताम ने उससे कहा था की यदि तुम फांसी लगा हुआ रस्सी लाकर मुझे दो तो उसके पूजा पाठ से मैं बहुत सारे पैसे झड़ा सकता हूं और तुम लखपति बन जाओगे यदि तुम मुझे फांसी लगा रस्सी लाकर दोगे तो मैं तुम्हें ₹100000 दूंगा उसके बाद से ही पंचू राम देशमुख फांसी लगा रस्सी की तलाश में था और इसके बारे में लगातार वह धनराज नेताम के संपर्क में था पंचराम देशमुख के ससुराल के खेत के पास ही मृतक रूद्र नारायण देशमुख के परिवार वालों का खेत है जहां से पंचू राम देशमुख और रुद्र नारायण देशमुख की पहचान बढ़ती गई प्रारंभिक पूछताछ में यह मालूम पड़ा की पंचू राम और रुद्र नारायण साथ साथ घूमते थे बैठे थे और रुद्र नारायण बालक उसके लिए गुटका लाना पान लाना और साथ में बैठकर नाश्ता करना जैसे रहा करता था इसी क्रम में पंचू राम ने रूद्र नारायण को ही मार कर फांसी लगा रस्सी हासिल करने की योजना बनाई और अपनी इसी योजना के तहत उसने 23 तारीख को अपने ग्राम ऑलबरस में होने वाली मड़ाई के लिए रूद्र नारायण को भी आने के लिए कहा और कहा कि वह 23 तारीख को 2:00 बजे उससे आमटी मोड़ के पास मिलेगा रुद्र नारायण 23 तारीख को अपने गांव से अकेले अपनी साइकल में ग्राम ऑल बरस के आमटी मोड़ के पास पहुंचा जहां पर पंचू राम देशमुख की उससे मुलाकात हुई और दोनों साथ ऑलबरस निकुम मार्ग की ओर गए जहां पर पंचूराम देशमुख रूद्रनारायण देशमुख को अपने साथ शराब पिलाने के बहाने अंदर खेत की ओर लेकर गया और वहां पर आधा पव्वा शराब मृतक रूद्र नारायण देशमुख को पिलाया और अपने साथ लाई हुई रस्सी से गला घोटकर बालक रुद्र नारायण देशमुख की हत्या कर दी और वही एक कागज में उसकी मौत का समय उसका नाम और तारीख नोट किया और धनराज नेताम को वहीं से फोन करके बताया कि फांसी वाला रस्सी का जुगाड़ हो गया है जिस पर धनराज ने उसे तुरंत रस्सी लेकर अपने यहां बुलाया इसके बाद पंचूराम रूद्र नारायण की लाश को वही खेत के पैरा ढेर में रखकर छुपा दिया और वापस अपने घर आ गया उसके बाद रात को तकरीबन 2:00 बजे उठकर वह वापस पैदल उसी घटनास्थल में आया और रूद्रनारायण देशमुख की लाश को पैरा ढेर के बीचो बीच रखकर उसमें माचिस से आग लगा दी और पूरे पैरा के ढेर को जला दिया और वापस रुद्र नारायण की सायकल को पास के ही एक खेत में छुपा कर अपने घर आ गया और अगले दिन अपने गांव के ही एक व्यक्ति से ₹500 उधारी मांग कर धनराज के पास धमतरी के नगरी क्षेत्र के गुटकेल क्षेत्र के ग्राम बोराई में चला गया यहां आकर उसने मृतक का नाम और हत्या का समय नोट की हुई पर्ची और फांसी लगा रस्सी दोनों ही को धनराज को दिया और बताया कि उसने रुद्र नारायण देशमुख की हत्या की है और उसी से यह रस्सी हासिल की है इसपर धनराज में उसे रस्सी की पूजा 31.12.2019 दिन मंगलवार को करूंगा कहकर बताया.

पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को घटना में बालक रूद्र नारायण देशमुख की हत्या के षड्यंत्र व सबूत छुपाने के अपराध में आरोपी पाते हुए गिरफ्तार किया है तथा इनकी निशानदेही पर पुलिस ने मृतक रूद्रनारायण देशमुख की साइकल, साइकल का चाबी, फांसी लगाई हुई रस्सी तथा नोट किया हुआ कागज का पर्ची को बरामद किया है।
उक्त प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री अजय यादव के मार्गदर्शन व पर्यवेक्षण में व श्री अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग ग्रामीण लखन पटले के निर्देशन में पुलिस की टीमों ने लगातार हर संभव पहलू में काम करते हुए साइबर सेल की टीम थाने की टीम के सुनियोजित प्रयास से प्रकरण के 48 घंटे के भीतर ही इस हत्या की गुत्थी सुलझा ली। इस प्रकरण के निराकरण में उप पुलिस अधीक्षक क्राइम श्री प्रवीर तिवारी, SDOP पाटन आकाश राव गिरेपुंजे, थाना प्रभारी अंडा निरीक्षक राजेश झा, साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक गौरव तिवारी प्रधान आरक्षक राजेश मणि सिंह व राजकुमार दिवाकर, आरक्षक वीर नारायण व राजकुमार चंद्रा की भूमिका उल्लेखनीय रही। की गई जिसके बारे में गांव आलबरस में पूछताछ करने पर यह मालूम पड़ा कि वह भी मड़ई के अगले दिन 24 तारीख की सुबह से कहीं चला गया है तथा मृत बालक रूद्रनारायण देशमुख के परिवार वाले भी लगातार रूद्र नारायण की पतासाजी के लिए पंचू राम से संपर्क कर रहे थे किंतु संपर्क नहीं हो पा रहा था और ग्राम ऑलबरस में भी पंचराम देशमुख के किसी रिश्तेदारों को यह नहीं मालूम था कि वह कहां गया है घटना में पंचू राम देशमुख की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होने तथा मामला हत्या का लगने पर तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग  अजय यादव के द्वारा प्रकरण के निकाल और आरोपी के गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण  लखन पाटले अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पाटन आकाश राव गिरेपुंजे उप पुलिस अधीक्षक क्राइम  प्रवीण तिवारी व थाना प्रभारी अंडा राजेश झा के नेतृत्व में टीम गठित की गई तथा तकनीकी जानकारी के आधार पर संदिग्ध पंचू राम देशमुख के संभावित ठिकानों पर दबिश देते हुए उसे धमतरी के नगरी सिहावा क्षेत्र के गुटकेल नामक गांव के समीप से हिरासत में लिया गया।

पूछताछ पर पंचुराम देशमुख ने बताया कि वह 2011 में अपनी शादी के उपरांत से ही अपने ससुराल ग्राम सलोनी जिला बालोद में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था जहां आज से ढाई वर्ष पूर्व उसकी मुलाकात धनराज नेताम नामक व्यक्ति से हुई जो कि उसके ग्राम में बंदर भगाने के लिए आया था यहां धनराज नेताम से ही बातचीत में धनराज नेताम ने उससे कहा था की यदि तुम फांसी लगा हुआ रस्सी लाकर मुझे दो तो उसके पूजा पाठ से मैं बहुत सारे पैसे झड़ा सकता हूं और तुम लखपति बन जाओगे यदि तुम मुझे फांसी लगा रस्सी लाकर दोगे तो मैं तुम्हें ₹100000 दूंगा उसके बाद से ही पंचू राम देशमुख फांसी लगा रस्सी की तलाश में था और इसके बारे में लगातार वह धनराज नेताम के संपर्क में था पंचराम देशमुख के ससुराल के खेत के पास ही मृतक रूद्र नारायण देशमुख के परिवार वालों का खेत है जहां से पंचू राम देशमुख और रुद्र नारायण देशमुख की पहचान बढ़ती गई प्रारंभिक पूछताछ में यह मालूम पड़ा की पंचू राम और रुद्र नारायण साथ साथ घूमते थे बैठे थे और रुद्र नारायण बालक उसके लिए गुटका लाना पान लाना और साथ में बैठकर नाश्ता करना जैसे रहा करता था इसी क्रम में पंचू राम ने रूद्र नारायण को ही मार कर फांसी लगा रस्सी हासिल करने की योजना बनाई और अपनी इसी योजना के तहत उसने 23 तारीख को अपने ग्राम ऑलबरस में होने वाली मड़ाई के लिए रूद्र नारायण को भी आने के लिए कहा और कहा कि वह 23 तारीख को 2:00 बजे उससे आमटी मोड़ के पास मिलेगा रुद्र नारायण 23 तारीख को अपने गांव से अकेले अपनी साइकल में ग्राम ऑल बरस के आमटी मोड़ के पास पहुंचा जहां पर पंचू राम देशमुख की उससे मुलाकात हुई और दोनों साथ ऑलबरस निकुम मार्ग की ओर गए जहां पर पंचूराम देशमुख रूद्रनारायण देशमुख को अपने साथ शराब पिलाने के बहाने अंदर खेत की ओर लेकर गया और वहां पर आधा पव्वा शराब मृतक रूद्र नारायण देशमुख को पिलाया और अपने साथ लाई हुई रस्सी से गला घोटकर बालक रुद्र नारायण देशमुख की हत्या कर दी और वही एक कागज में उसकी मौत का समय उसका नाम और तारीख नोट किया और धनराज नेताम को वहीं से फोन करके बताया कि फांसी वाला रस्सी का जुगाड़ हो गया है जिस पर धनराज ने उसे तुरंत रस्सी लेकर अपने यहां बुलाया इसके बाद पंचूराम रूद्र नारायण की लाश को वही खेत के पैरा ढेर में रखकर छुपा दिया और वापस अपने घर आ गया उसके बाद रात को तकरीबन 2:00 बजे उठकर वह वापस पैदल उसी घटनास्थल में आया और रूद्रनारायण देशमुख की लाश को पैरा ढेर के बीचो बीच रखकर उसमें माचिस से आग लगा दी और पूरे पैरा के ढेर को जला दिया और वापस रुद्र नारायण की सायकल को पास के ही एक खेत में छुपा कर अपने घर आ गया और अगले दिन अपने गांव के ही एक व्यक्ति से ₹500 उधारी मांग कर धनराज के पास धमतरी के नगरी क्षेत्र के गुटकेल क्षेत्र के ग्राम बोराई में चला गया यहां आकर उसने मृतक का नाम और हत्या का समय नोट की हुई पर्ची और फांसी लगा रस्सी दोनों ही को धनराज को दिया और बताया कि उसने रुद्र नारायण देशमुख की हत्या की है और उसी से यह रस्सी हासिल की है इसपर धनराज में उसे रस्सी की पूजा 31.12.2019 दिन मंगलवार को करूंगा कहकर बताया.

पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को घटना में बालक रूद्र नारायण देशमुख की हत्या के षड्यंत्र व सबूत छुपाने के अपराध में आरोपी पाते हुए गिरफ्तार किया है तथा इनकी निशानदेही पर पुलिस ने मृतक रूद्रनारायण देशमुख की साइकल, साइकल का चाबी, फांसी लगाई हुई रस्सी तथा नोट किया हुआ कागज का पर्ची को बरामद किया है।
उक्त प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री अजय यादव के मार्गदर्शन व पर्यवेक्षण में व  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग ग्रामीण लखन पटले के निर्देशन में पुलिस की टीमों ने लगातार हर संभव पहलू में काम करते हुए साइबर सेल की टीम थाने की टीम के सुनियोजित प्रयास से प्रकरण के 48 घंटे के भीतर ही इस हत्या की गुत्थी सुलझा ली। इस प्रकरण के निराकरण में उप पुलिस अधीक्षक क्राइम  प्रवीर तिवारी, SDOP पाटन आकाश राव गिरेपुंजे, थाना प्रभारी अंडा निरीक्षक राजेश झा, साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक गौरव तिवारी प्रधान आरक्षक राजेश मणि सिंह व राजकुमार दिवाकर, आरक्षक वीर नारायण व राजकुमार चंद्रा ,आर डी रवि ,आर अलाउद्दीन की भूमिका उल्लेखनीय रही।

2025__03
2025__01
2025__02
advt_dec2024
Share This: