पुलिस का एक चेहरा ऐसा भी ! पिता की मौत के बात धूमधाम से कराई गरीब बेटी की शादी, थाना प्रभारी ने पिता की तरह निभाए सारे फर्ज
छतरपुर। छतरपुर पुलिस ने एमपी पुलिस के स्लोगन ‘देशभक्ति जनसेवा’ को सच कर दिखाया है, छतरपुर पुलिस ने एक पिता की तरह फर्ज निभा कर एक युवती की शादी करा दी है और शादी में पिता की तरह ही शादी की तैयारियो सहित सभी रस्में निभाई है। यह अनोखा कार्य किया है थाना प्रभारी राजकुमार लटोरिया ने। उन्होंने एक पिता की तरह ही कर्तव्य निभाया है, जिससे शादी समारोह में सामान सहित सारी व्यवस्थाएं उन्हीं के द्वारा की गईं।
पूरा मामला बंसिया थाना क्षेत्र के मन्नी के पुरवा गांव का है, यहां रहने वाले रजवा केवट की पत्थर में दबने से मौत हो गई थी और उसी समय उसकी बेटी गोलू केवट की शादी थी लेकिन पिता की मौत के बाद गरीब परिवार शादी नहीं कर सका और पत्थर से दबने में हुई मौत के मामले के बयान लेने के लिए जब बंसीया थाना प्रभारी राजकुमार लटोरिया अपने पुलिसकर्मियों के साथ मृतक के घर पहुंचे और उन्हें मालूम चला कि पिता की मौत के बाद उनकी बच्ची गोलू केवट की शादी नहीं हो पा रही है, तो वह शादी के लिए आगे आए और उन्होंने 1 जुलाई को शादी करवा कर अपनी बेटी की तरह ही उसको विदा किया।
एक पिता की तरह ही शादी में थाना प्रभारी ने सारी रस्मे निभाई और सामान से लेकर बारातियों के खाने-पीने तक की व्यवस्था छतरपुर पुलिस द्वारा की गईं। वही इस मामले की जानकारी जब उन्होंने अपने घर पर दी थी तब उनकी 12 वर्षीय बेटी प्रिया लटोरिया ने अपनी गुल्लक तोड़कर युवती की शादी के लिए पैसे अपने पिता को दे दिए। थाना प्रभारी बंसिया ने देशभक्ति जनसेवा का नारा बुलंद करते हुए अनोखी शादी कराई, शादी में बाराती तो थे ही लेकिन घराती छतरपुर पुलिस बनी हुई थी, और बकायदा पुलिस ने बारातियों का स्वागत किया और रात भर सारी व्यवस्थाएं कर रस्मे निभाते हुए एक बेटी की तरह ही शादी करवाई और फिर उसकी विदाई की।
इस दौरान एक समाजसेवी भी पहुंची थी जो छतरपुर पुलिस की तारीफ करती नजर आईं, वहीं युवती के परिजनों की मानें तो छतरपुर पुलिस के थाना प्रभारी राजकुमार लटोरिया एक भगवान के समान उनके सामने आए, जहां उनकी बेटी की शादी नहीं हो पा रही थी तो उन्होंने पिता जैसा फर्ज निभाते हुए बेटी की शादी करवा दी है, वहीं थाना प्रभारी की माने तो उन्हें छतरपुर एसपी सचिन शर्मा से प्रेरणा मिली है क्योंकि सचिन शर्मा लगातार संकल्प अभियान के तहत बुजुर्गों की सेवा करते आ रहे हैं, और उन्हें लगा कि एक बेटी की शादी नहीं हो पा रही तो वह इस शादी के लिए आगे आए। उनके साथ उनके थाने के पुलिसकर्मी भी रहे और बखूबी उन्होंने भी इस नेक काम में उनका साथ दिया । स्थानीय लोग उनके इस नेक कार्य की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं, और उन्हें इस नेक कार्य के लिए दुआ देते नजर आ रहे हैं।