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तिरछी नजर : पार्टी करने दफ्तर चाहिए..

सरकार ने कुछ समाजों की भाषा और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संस्थान तो गठित कर दिया है, लेकिन अब इनमें से एक में चेयरमैन और सदस्य के बीच झगड़ा शुरू हो गया है ।
बताते हैं कि एक सदस्य ने डिमांड रखी है कि उन्हें दफ्तर की चाबी दी जाए, ताकि रात्रि में इष्ट मित्रों के साथ पार्टी कर सके । संस्थान के चेयरमैन इस बात से ज्यादा परेशान है कि उनकी कुर्सी में सदस्य बैठ जाते हैं । रोजमर्रा की किचकिच से चेयरमैन का बीपी बढ़ा हुआ ।
चेयरमैन ने तंग आकर सीएम को लिखकर दे दिया है कि सदस्य को बदला जाए, या उन्हें हटा दिया जाए। दाऊजी क्या फैसला लेते हैं, यह देखने वाली बात होगी ।

महावर बन सकते हैं सूचना आयुक्त..

राज्य सूचना आयोग में जल्द नियुक्ति होगी । सूचना आयुक्त के लिए 90 से ज्यादा आवेदन आए हैं । इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और अन्य हैं । चर्चा है कि सब कुछ ठीक रहा, तो बिलासपुर और सरगुजा कमीश्नर रहे टीसी महावर सूचना आयुक्त हो सकते हैं ।

आईएएस अफसर की उलझन

एक जूनियर आईएएस अफसर इन दिनों पारिवारिक उलझन में फंसे हैं। अफसर का अपनी पत्नी के साथ अलगाव चल रहा है और तलाक का केस भी अदालत की दहलीज में हैं। अफसर जल्द से जल्द तलाक चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। अफसर ने अपनी ही एक बैचमेट के साथ रिश्ता भी पक्का कर लिया है। वो नए रिश्ते में जुडऩे के लिए बेताब हैं। मगर पुराने से साथ नहीं छूट रहा है। कहा भी जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है। इससे पिंड छुड़ाना आसान नहीं होता है।

फारूक का स्वागत कर फंसे श्रीचंद

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का स्वागत कर शहर जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी फंस गए हैं। फारूक रायपुर में एक शादी में शामिल होने आए थे। कश्मीर में धारा-370 हटाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे फारूक से कांग्रेस के नेताओं ने दूरी बनाए रखी, लेकिन सुंदरानी ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही शादी समारोह में सुन्दरानी ने फारूक के साथ सपरिवार फोटो खिंचवाई। इसके बाद पार्टी के भीतर सुंदरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है। इसकी शिकायत पवन साय से भी की गई है।

आईएफएस की ताकत

प्रदेश के एक आईएफएस अफसर की राजनीतिक ताकत देखकर कई लोग चौंक गए हैं । चर्चा हैं कि अफसर को ऊंचे ओहदे पर बिठाने के लिए कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महामंत्री ने रूचि दिखाई है । दाऊजी सिफारिश को कितनी गंभीरता से लेते हैं, यह आने वाले समय में पता चलेगा ।

नए साल में भागवत कथा

चुनावी साल में मतदाताओं को रिझाने के लिए रणनीति बन रही है । धान तो मुद्दा रहेगा ही, लेकिन इसकी तोड़ निकालने की भाजपा के नेता कोशिश कर रहे हैं । भाजपा ने मतदाताओं को भगवा रंग से रंगने की कोशिशें शुरू कर दी है ।
अपने इलाकों में धार्मिक आयोजन के लिए कई नेताओं ने तैयारी शुरू कर दी है । पूर्व मंत्री अजय चंद्राकार अपने विधानसभा क्षेत्र कुरूद में भागवत महाकथा का आयोजन कर रहे हैं । सात जनवरी से कथा शुरू हो रही है । कथा वाचन जयाकिशोरी जी करेंगी, उन्हें सुनने के लिए हजारों लोग जुटते हैं । इसका चुनाव में कितना फायदा मिलता है, यह देखने वाली बात होगी ।

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