भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों के प्रत्याशी घोषणा कर कई राजनीतिक संकेत भी दिए हैं। दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर राज्य की राजनीति ने बाहर किया गया है।बृजमोहन के प्रत्याशी घोषित होने के बाद साय मंत्रिमंडल में एक पद और रिक्त हो जाएगा। अब मंत्रिमंडल में दो नये लोगों की तलाश होगी। बृजमोहन का रायपुर लोकसभा से जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है। कई लोग लीड को लेकर बहस कर रहे हैं।अब बृजमोहन के खिलाफ कांग्रेस किसको प्रत्याशी घोषित करती है , इस पर नजर है।यही नहीं,रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कौन होगा ,इसका अंदाजा अभी से लगाया जा रहा है। इसी तरह दुर्ग की दिग्गज नेत्री सुश्री सरोज पांडे को कोरबा सीट से टिकिट देने से यह संदेश गया है कि भाजपा हाईकमान सरोज पांडे को तव्वजो देती है।
सरोज पांडे को कुछ दिनों पहले ही संकेत हो गया था कोरबा जाने का इसलिए कोरबा के समीकरणों को ठीक करने में लगी थी। वर्तमान सांसदों में मात्र दो लोगों को दुर्ग सांसद विजय बघेल व नांदगांव सांसद संतोष पांडे को रिपीट किया गया है। संतोष पांडे संघ व संगठन की पसंद और काम को देखते हुए फिर से टिकट लाने में कामयाब हो गए जबकि एक गुट टिकट कटवाने में लगा रहा। विजय बघेल ने भूपेश बघेल से जिस तरह से लड़ाई लड़ी है उसका पुरस्कार के रुप में दूसरी बार टिकट दी गयी है।विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले चिंतामणि महराज को भारी कश्मकश के बाद सरगुजा से लोकसभा टिकट दे दी गयी है। चिंतामणि महराज गहिरा गुरु के बेटे हैं कंवर समाज से जिसकी संख्या लाखों में है। चुनाव के पहले ओम माथुर और पवन साय ने चिंतामणि महराज को टिकिट का वादा किया था उसे निभाया है। भाजपा लगातार परिवारवाद का विरोध करती है इसलिए राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से अभिषेक सिंह व बस्तर लोकसभा क्षेत्र से दिनेश कश्यप टिकिट से वंचित हो गये है। यद्यपि दोनों ने टिकट के लिए अच्छी लांबिग की थी मगर नेतृत्व ने दूसरा ही सोचा था। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के पहले जाति समीकरणों का ख्याल रखते हुए नये लोगों को मौका दिया है। बिलासपुर लोकसभा से साहू समाज से फिर से प्रतिनिधित्व मिला है। मुंगेली के पूर्व विधायक तोखन साहू की टिकट विधानसभा चुनाव में टिकिट कटी थी। एक तरह से बिलासपुर व मुंगेली में टिकट की अदला बदली हुई है। आगामी लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है l यही वजह है कि तीन महिलाओं को टिकट दी गयी है। पूरे टिकट वितरण से पार्टी के कई नेता सकते में आ गए हैं।
सिपाही की तूती बोल रही
कवर्धा में अल्पसंख्यक को लेकर अभी तक बवाल मचा है झंडा विवाद की चर्चा पूरे देश भर में रही हाल में साधु राम यादव की हत्या की नई जांच ए एन आई केंद्रीय एजेंसी से करने की घोषणा की गई है दूसरी तरफ चौकाने वाली बात है कि रायपुर सेंट्रल जेल के एक सिपाही की तूती बोल रही है यह सिपाही कवर्धा का अल्पसंख्यक वर्ग का है उसके इशारे पर अधिकारी नाच रहे हैं इस सिपाही को साय मंत्रिमंडल के एक प्रभावशाली मंत्री का संरक्षण है बुद्धिमान लोग राजनीति करते हैं और मूर्ख उसे पर बहस करते हैं यह कहावत रायपुर सेंट्रल जेल में सही साबित हो रही है
भाजपा विपक्ष की भूमिका में भी
विधानसभा चुनाव के बाद साय सरकार के मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों ने पिछली सरकार के कामकाज की समीक्षा के नाम पर कई फाईलें अटका दिए है।जांच पड़ताल व घपले-घोटाले की सुर्खियां विधानसभा सत्र के दौरान जोरदार तरीके से बनी। सत्तारुढ़ दल के विधायक जोरदार तरीके से मांग उठाकर जांच पड़ताल कराते रहे। इस बार विधानसभा सत्र में सत्तापक्ष के सदस्य एक तरफ विधेयक लाने से लेकर पिछली सरकार के कामकाज पर उंगली उठाने में लगे रहे। भाजपा सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों भूमिका में रही।
सुरक्षा में चूक
पिछले दिनों सीएम के अस्थाई निवास पर सुरक्षा जांच के दौरान एक युवक को रिवाल्वर के साथ पकड़ा गया। पुलिस ने तीन दिन बाद घटना का खुलासा किया और सुरक्षा में ढिलाई बरतने के आरोप में तीन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। सुरक्षा कर्मियों का कसूर सिर्फ इतना था कि रिवाल्वर धारी युवक वीआईपी लोगों के साथ था और रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता का भतीजा था। हालांकि नीयत बुरी नहीं थी और बड़े लोग हथियार लेकर चलना शान समझते हैं। फिर भी सुरक्षा में चूक तो है ही।
जिनके खिलाफ शिकायत,
वो मजे कर रहे..
भाजपा के नेता जिन अफसरों के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, वो अच्छी पोस्टिंग पा रहे हैं। मसलन, बीजापुर एसडीएम पवन कुमार प्रेमी को हटाने के खुद केदार कश्यप ने कलेक्टर को फोन किया था।उनका तबादला हो गया और धमतरी में पोस्टिंग हो गई। अंबिकापुर के एडिशनल कलेक्टर टेकचंद अग्रवाल का मैनपाट महोत्सव में मदमस्त हो नाचते गाते वीडियो वायरल हुआ था और वो बेमेतरा जिले पंचायत सीईओ बन गए।
मैनपाट के जिस नायब तहसीलदार प्रांचल गोयल के खिलाफ तीन विधायकों ने सीएम से शिकायत की थी कि उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले उठाने पर भाजपा कार्यकर्ता विक्की सोनी के साथ बदसलूकी की और जेल भिजवा दिया, उस पर कार्रवाई होना तो दूर गोयल को रायगढ़ में मनचाही पोस्टिंग मिल गई।
इस बार होली-दीवाली एक साथ!
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले ही किसानों को 13 हजार करोड़ की धान खरीद की अंतर की राशि एकमुश्त देने का एलान कर मास्टर स्ट्रोक तो लगा ही दिया है। यह किसानों को एकमुश्त मिलने वाली अब तक की सबसे बड़ी राशि भी होगी। पूर्ववर्ती सरकार के समय इससे आधी राशि भी चार किस्तों में मिलती थी। होली त्योहार के कुछ दिनों पहले ही इतनी बड़ी राशि खाते में आने से किसानों की बल्ले-बल्ले तो है ही। इस बार किसानों की होली-दीवाली एक साथ मनने की भी उम्मीद है। जमकर खरीदारी होने से बाजार में भी बूम आना तय है। लाखों किसानों के खाते में लाखों रुपए की राशि आएगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही किसानों के परिवार में अभी से खरीदे जाने वाले सामानों की लिस्ट बनने लगी है। कोई गाड़ी खरीदने का सोच रहा है तो कोई गहने। त्योहार से पहले और उसके बाद खरीदे जाने वाले सामानों की प्लानिंग अगले कई दिनों तक चलेगी।
बृजमोहन के नाम की घोषणा से पहले ही प्रचार
रायपुर लोकसभा सीट से मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को सबसे सशक्त उम्मीदवार मानकर पार्टी ने उनके नाम का एलान किया है। बृजमोहन ने अब तक जितने चुनाव लड़े सब उन्होंने अच़्छे अंतर से जीते। लेकिन अभी वे शिक्षा जैसे सबसे बड़े विभाग के मंत्री हैं। लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा उनकी भले न रही हो, लेकिन पार्टी का आदेश मानना उनकी मजबूरी है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पहली बार रायपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। यह बात भी उनके पक्ष में जाएगी। लेकिन नाम एलान से पहले जिस विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले प्रचार शुरू हो गया था, वह है रायपुर पश्चिम। क्षेत्र की दीवार पर ताबड़तोड़ चुनावी नारे लिखे जा रहे थे। क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं का भी कहना था कि बृजमोहन अग्रवाल को जिताने के लिए राजेश मूणत कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हालांकि लोग इसके अलग अर्थ भी लगा रहे हैं कि बृजमोहन के सांसद बनने से एक मंत्री पद खाली होगा और रायपुर जिले के दूसरे वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत को मंत्री बनने का मौका मिल जाएगा। इस तरह की चर्चाएं चलती रहेंगी। अभी तो बृजमोहन के सामने अपराजेय योद्धा की अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखने की भी चुनौती है।