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REHAR UNDERGROUND MINE OF SECL : कोयला शार्टेज के मामले में फरवरी से शुरू CBI जांच अभी भी जारी

REHAR UNDERGROUND MINE OF SECL: CBI investigation started in February in the case of coal shortage is still going on.

बिश्रामपुर। एसईसीएल की रेहर भूमिगत खदान में करीब दो करोड़ रुपये लागत का 27 सौ टन कोयला शार्टेज के मामले में फरवरी माह से शुरू सीबीआई जांच अभी भी जारी है। चौथी बार पहुंची सीबीआई की टीम 12 दिन एसईसीएल के स्थानीय ट्रांजिट कैंप में डेरा डालकर गड़बड़ी की जांच करने के बाद वापस रायपुर लौट गई है।

बीते छह जनवरी को सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की है। उसके बाद फरवरी व मार्च माह में 22 दिनों तक यहां कैंप कर एसईसीएल की रेहर भूमिगत खदान में 27 सौ टन कोयला शार्टेज की दूसरे चरण की जांच करने के बाद वापस रायपुर लौटी सीबीआई की टीम ने दस अप्रैल को पुनः तीसरी बार यहां पहुंचकर 14 अप्रैल तक मामले से संबंधित दस्तावेजो को खंगालने के साथ ही आवश्यक जानकारी एकत्र की थी।

उसके बाद चौथी बार एक मई को यहां पहुंची दो सदस्यीय सीबीआई टीम ने 12 दिनों तक यहां डेरा डालकर कोयला शार्टेज मामले की जांच की और उसके बाद फिर रायपुर लौट गई है। पूरे मामले की जांच सीबीआई इंस्पेक्टर यतीश चन्द्र शर्मा कर रहे हैं। हालांकि इस पूरे मामले में सीबीआई अधिकारी मीडिया को कोई भी जानकारी देने में असमर्थता जाहिर कर रहे है। मामले से जुड़े दस्तावेजो की बारीकी से जांच करने के साथ ही संबन्धित अधिकारियों से वे पूछताछ भी कर रहे है।

पूरे मामले पर एक नजर –

कोयला शार्टेज का मामला एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र की रेहर भूमिगत खदान का है। संबंधित शिकायत पर जुलाई 2022 में एसईसीएल कंपनी के विजिलेंस विभाग ने मामले की जांच शुरू की थी। जांच में करीब 27 टन कोयला कोल स्टाक में शार्टेज पाया गया था। मामले में खान प्रबंधक समेत कई अधिकारियों का अन्य क्षेत्रों में तबादला करने के बाद मामला शांत हो गया था। मामले में लीपापोती के आरोपों के बीच फिर मामले की शिकायत कोयला मंत्रालय से कर मामले में लीपापोती किये जाने का आरोप लगाते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की गई थी। जिस पर मामले में एंट्री के साथ ही रायपुर की सीबीआई टीम ने बीते छह जनवरी को यहां पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी थी।

दूसरे दौर में 22 दिन चली थी जांच –

जांच के दूसरे दौर में 18 फरवरी को फिर बिश्रामपुर क्षेत्र पहुंची सीबीआई की दो सदस्यीय टीम द्वारा एसईसीएल के स्थानीय ट्रांजिट कैंप में कैंप कर 22 दिनों तक लगातार मामले की सघन छानबीन की थी। टीम ने मामले से जुड़े दस्तावेजो की सघन जांच पड़ताल कर उसमे गड़बड़ी के साक्ष्य खोजने की भरपूर कोशिश की।

उनके द्वारा उक्ताशय से संबंधित कोयला उत्पादन व उत्पादित कोयले को खदान से बाहर कोयला स्टाक में भंडारित करने से संबंधित दस्तावेजो के अलावा जनवरी 2022 से लेकर दिसंबर 2023 तक खदान में उपस्थित अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर व सबंधित दस्तावेजो की बारीकी से पड़ताल कर दस्तावेजो की फोटो कॉपी सुरक्षित की थी। इस दौरान विजिलेंस की टीम भी बीच बीच मे यहां पहुंची थी। उसके बाद दस अप्रैल से 14 अप्रैल तक तीसरे चरण और एक मई से 12 मई तक चौथे चरण की जांच की गई है।

 

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