RAID BREAKING : चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल के मामले में CBI का एक्शन, 19 राज्यों में छापामारी
Raid BREAKING: CBI action in child sexual abuse material case, raids in 19 states
नई दिल्ली। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल के मामले में CBI की टीम ने 19 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 56 जगहों पर छापेमारी की। यह छापेमारी ऑपरेशन मेघचक्र के तहत की गई है। सिंगापुर और न्यूजीलैंड की इंटरपोल यूनिट के इनपुट्स के आधार पर CBI ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
CBI ने जानकारी दी कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कई ऐसे गैंग चिह्नित किए गए हैं, जो चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल का बिजनेस करते हैं। इसके अलावा ये लोग बच्चों को फिजिकली ब्लैकमेल भी करते हैं।
CBI अप्रैल में इंटरपोल के इंटरनेशनल एंटी चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज डेटाबेस का हिस्सा बनी थी। अत्याधुनिक एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से आरोपियों की पहचान जल्द हो सकेगी। जांच एजेंसी 67 देशों की एजेंसियों के एक चुनिंदा समूह में है, जो डेटाबेस से जुड़ी हैं।
इंटरपोल के पास 27 लाख से अधिक तस्वीरों-वीडियो वाला डेटाबेस –
जानकारी के मुताबिक इंटरनेशनल इंटरपोल यूनिट के पास करीब 27 लाख से अधिक फोटो और वीडियो वाला डेटाबेस है, जो दुनियाभर में हर दिन सात पीड़ितों की पहचान करने में मदद करता है। इस डेटाबेस के मुताबिक अब तक 27 हजार से अधिक पीड़ितों और 12 हजार से अधिक आरोपियों की पहचान की गई है। यह सॉफ्टवेयर न केवल जांच अधिकारियों के बीच जानकारी साझा करने में मदद करता है, बल्कि समय भी बचाता है।
19 सितंबर को SC ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सोशल मीडिया कंपनियों से मांगा था जवाब –
19 सितंबर को चाइल्ड पोर्नोग्राफी और सोशल मीडिया पर रेप के वीडियो अपलोड करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था कि इसको रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने फेसबुक, ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
पिछले साल भी ऑपरेशन कार्बन के तहत हुई थी कार्रवाई
देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला हमेशा से चिंता का विषय रहा है। पहले भी कई मौके पर चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज के मामले आ चुके हैं। पिछले साल नवंबर में भी CBI देश के 14 राज्यों में 77 ठिकानों पर छापेमारी की थी। तब इस छापेमारी का नाम ऑपरेशन कार्बन रखा था। CBI ने इस ऑपरेशन के तहत यूपी के कई बड़े शहरों में छापेमारी की थी। मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
CBI ने छापेमारी के दौरान 50 से ज्यादा ऐसे वॉट्सएप ग्रुप का खुलासा किया था। इनमें पांच हजार से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए थे, जो इस केस से जुड़ी सामग्री सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे।