
सुकमा : छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में पोलावरम डैम का निर्माण चल रहा है। इस पोलावरम परियोजना का अब एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में विरोध शुरू हो गया है। पोलावरम पुनर्वास समिति के सदस्यों समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने सुकमा जिले के कोंटा मुख्यालाय के बस स्टैंड में तीन सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2022 के जुलाई महीने में आई बाढ़ से जो लोग प्रभावित हुए, उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस डैम के पानी से छ्त्तीसगढ़ के कोंटा के कई गांव डूब जाएंगे। जो गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं पहले उनका सर्वे करवाया जाए। इसके अलावा पोलावरम बांध से छत्तीसगढ़ के कोंटा ब्लॉक के जो भी गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं, उसकी सूची बनाई जाए। इन गांवों का सर्वे किया जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि, सर्वे के बाद एक रिपोर्ट दी जाए कि, इस परियोजना की वजह से कितने गांव डूबेंगे, कितने खेतों का नुकसान होगा। बांध के पानी से कितने घर खाली करने पड़ेंगे। वहीं, लोगों की तीसरी मांग है कि पेसा कानून के तहत जिले के हर गांवों में ग्राम सभा आयोजित की जाए। वन अधिकार का पट्टा, सामूहिक पट्टा, कृषि कार्य कर रहे कब्जे वाली जमीन के सभी रिकॉर्ड दिए जाएं। यदि मांग पूरी नहीं होती है तो भविष्य में और बड़ा आंदोलन करने की बात कही है।