राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को करेंगे गोरक्षपीठ के नए शैक्षिक प्रकल्प का उद्घाटन

गोरखपुर। तकरीबन नौ दशक से पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा का उजियारा फैला रही गोरक्षपीठ ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप में नया और विशाल प्रकाश स्तम्भ तैयार कर दिया है। राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के आवरण में शिक्षा से सेवा और स्वावलंबन इसकी विशिष्ट पहचान होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा। प्राथमिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ के अधीन सेवारत महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा करीब चार दर्जन शैक्षिक संस्थानों का संचालन किया जाता है। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठ के वर्तमान नेतृत्वकर्ता योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ के नाम पर एकीकृत विश्वविद्यालय की परिकल्पना की और उसे साकार रूप भी दे दिया है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग की शुरुआत तो उन्होंने पहले ही कर दी थी, अब कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि की उच्च शिक्षा के साथ चिकित्सा विज्ञान की विशेषतापूर्ण शिक्षा के लिए नया विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया है।
रोजगारपरक शिक्षा के नए मॉडल के रूप में विकसित हो रहे गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इसी सत्र से बीएएमएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसे लेकर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से मान्यता भी मिल चुकी है। इसका प्रबंधन इस विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की तरफ से किया जाएगा। यहां बीएससी व एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। इसी सत्र से डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन, डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्निशियन और डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्निशियन की भी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होने जा रही है।