Parliament Budget Session 2025 : नई शिक्षा नीति मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष के जमकर हंगामा, खरगे ने कहा – क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोक देंगे…

Parliament Budget Session 2025 : नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में नई शिक्षा नीति का मुद्दा छाया हुआ है। पक्ष और विपक्ष के बीच इसे लेकर जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। इसी बीच मंगलवार को राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक ऐसा बयान दिया, जिस पर सदन में खूब हंगामा हुआ।
दरअसल, खरगे ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान की निंदा की। जब उपसभापति की ओर से खरगे को बोलने से रोका गया तो वो गुस्सा गए। उन्होंने कहा कि यहां तानाशाही चल रही है। इस पर जब उपसभापति की ओर से उन्हें फिर बोलने से रोका गया तो उन्होंने कहा कि क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे। सरकार को ठोकेंगे।
खरगे ने अपने बयान पर मांगी माफी
Parliament Budget Session 2025 : खरगे के इस बयान से सत्ता पक्ष की ओर से एतराज जाहिर की गई। राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष की तरफ से ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना स्वीकार नहीं है। उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद खरगे ने कहा कि अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। खरगे ने सभापति से कहा कि मैं आपसे माफी मांग लूंगा, लेकिन सरकार से माफी नहीं मानूंगा।
शिक्षा मंत्री ने सदन में क्या कहा?
Parliament Budget Session 2025 : सदन में बोलते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि डीएमके एक अलोकतांत्रिक और असभ्य पार्टी है। इसके जवाब में डीएमके सांसद कनिमोझी ने ‘असभ्य’ कहने पर धर्मेंद्र प्रधान की आलोचना की और कहा कि हमें कभी भी केंद्र की शर्तों के साथ नई शिक्षा नीति और तीन भाषा नीति स्वीकार नहीं है।
Parliament Budget Session 2025 : डीएमके को लेकर धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई। खरगे ने कहा,मेरे को ये कहना है कि इस देश के एक भाग को, एक भाग की जनता को, अगर आप उनके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने की बात करेंगे। अगर आप ये कहेंगे कि वो “Uncultured और Uncivilized हैं”, तो आप मंत्री से इस्तीफ़ा लो ! मोदी सरकार देश को Divide करने की बात कर रही है। ये देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं। कनिमोझी करुणानिधि ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस दाखिल किया