‘मोहन भागवत का बयान मुंह में राम, बगल में छुरी जैसा’, RSS-BJP पर मायावती का तीखा वार
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस मसले पर टिप्पणी की. मायावती ने कहा कि मोहन भागवत का बयान ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है.बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जहां भी चल रही हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चल रही हैं.मायावती ने कहा कि मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) द्वारा दिए गया बयान किसी के भी गले से नीचे नहीं उतरने वाली है. RSS, बीजेपी एंड कंपनी की कथनी-करनी में काफी अंतर है.मायावती बोलीं कि मोहन भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है. सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है.
‘मुंह में राम, बगल में छुरी’
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज अफरा-तफरी का माहौल है, बसपा हमेशा ही RSS की नीतियों का विरोध करती रही है. RSS के बिना बीजेपी का अस्तित्व बिल्कुल भी नहीं है, वह अपनी बातों को भाजपा की सरकारों से ही क्यों लागू नहीं करवा पा रही है.बसपा प्रमुख ने कहा कि RSS की कथनी-करनी में ज़मीन आसमान का अंतर है. ये जो कहते हैं वो उसका उल्टा ही करते हैं. मोहन भागवत का दिया गया ताज़ा बयान लोगों को अविश्वसनीय लगता है, ये बयान मुंह में राम, बगल में छुरी वाला लगता है.मायावती ने कहा कि जो लोग जबरन धर्म बदलवाते हैं, ऐसे मामलों में सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. लेकिन जानबूझकर इसे हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और मुस्लिम समाज को शक की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने अहम बयान दिया. मोहन भागवत ने कहा कि देश में रहने वाले सभी का डीएनए एक ही है, कोई अलग नहीं है. जो लोग चाहते हैं कि मुसलमान यहां नहीं रहें, वो सच्चे हिन्दू नहीं हैं.मोहन भागवत के इन्हीं बयानों पर बीते दिन से ही सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. असदुद्दीन ओवैसी, दिग्विजय सिंह समेत कई राजनेताओं ने मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी की है.