Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ के लिए चलेगी फ्री ट्रेन! रेलवे मिनिस्ट्री Ashwini Vaishnaw ने बताया खबर की सच्चाई
Mahakumbh Mela 2025: एक दिन पहले कुछ अखबारों और टीवी चैनल पर दावा किया गया था कि रेलवे की तरफ से महाकुंभ 2025 को लेकर स्पेशल प्लान किया जा रहा है. खबर में कहा गया था कि महाकुंभ से लौटने वाले यात्री 200 से 250 किमी तक की दूरी ट्रेन के जनरल कोच में फ्री में यात्रा कर सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ऐसे यात्रियों को बीच सफर में टीटी से टिकट बनवाना होगा. लेकिन अब इस पर रेल मंत्रालय की तरफ से स्पीष्टीकरण जारी किया गया है.
खबर को पूरी तरह से गलत बताया
रेलवे मिनिस्ट्री (Ministry of Railways) की तरफ से कहा गया कि समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की तरफ से चलाई गई ऐसी खबरें पूरी तरह से गलत हैं. मंत्रालय ने कहा कि जिन खबरों में कहा गया कि महाकुंभ मेले के दौरान लोग मुफ्त में ट्रेन से सफर कर सकते हैं, ये पूरी तरह गलत हैं. मंत्रालय का कहना है कि ये खबरें बिल्कुल भी सच नहीं हैं और लोगों को गुमराह किया जा रहा है. रेलवे मंत्रालय की तरफ से साफ किया गया कि बिना टिकट यात्रा करना रेलवे के नियमों के खिलाफ है और इसके लिए सजा का प्रावधान है.
रेलवे ने कहा कि महाकुंभ मेले या किसी अन्य मौके पर मुफ्त यात्रा का कोई नियम नहीं है. रेलवे ने यात्रियों को आश्वासन दिया है कि मेले के दौरान यात्रा सुचारू रूप से हो सके, इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. इसमें विशेष इंतजाम वाले क्षेत्र बनाना, अतिरिक्त टिकट काउंटर लगाना और अन्य जरूरी सुविधाएं सभी कुछ शामिल है. आपको बता दें इस बार प्रयागराज में शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर सरकार की तरफ से विशेष तैयारियां की जा रही हैं.
सरकार की तरफ से 5000 करोड़ का बजट रखा गया
महाकुंभ के लिए सरकार की तरफ से पांच हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. करोड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही को ध्यान में रखकर रेलवे की तरफ से स्पेशल इंतजाम किये जा रहे हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में रेल यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है.
महाकुंभ में आवागमन के लिए रेलवे की तरफ से 3000 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. ये ट्रेनें कुल 13000 के जरिये कुंभ में आने वाले यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी. खबर में यह भी बताया गया कि रेलवे की तरफ से यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए विकल्प के तौर पर स्टेशन पर स्कैनर टिकट खरीदने का ट्रायल किया गया. लेकिन, एक साथ ज्यादा संख्या में टिकट बुक कराने से नेटवर्क जाम जैसी स्थिति बन गई.