
मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सीबीआई के लिए अलग कानून बनाने की मांग की है। अदालत ने कहा कि उनका ये निर्देश पिंजरे में बंद तोते को आजाद कराने की कोशिश है। सरकार के नियंत्रण के बिना एजेंसी को स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए। जस्टिस एन किरुबाकरण और जस्टिस बी पुगलेंधी की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सीबीआई द्वारा जांच मामलों की संख्या 60 प्रतिशत है, लेकिन इसे बढ़ाने की जरूरत है।
सीबीआई पर नहीं होगा नियंत्रण
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई को वैधानिक दर्जा देने के लिए एक स्पेशल अधिनियम की जरूरत है। अदालत ने तमिलनाडु के याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। दरअसल याचिका में 300 करोड़ रुपए के फ्रॉड मामले की जांच सीबीआई के विशेष जांच दल को ट्रांसफर करने की मांग की गई है।
जजों की नियुक्ति के लिए 9 नामों की सिफारिश
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में 17 अगस्त को हुई बैठक में कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए नौ नामों की सिफारिश की है। इनमें जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जितेंद्र कुमार महेश्वरी, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना, जस्टिस सी.टी. रविकुमार, जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, जस्टिस बेला त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।