खल्लारी – मां खप्पर वाली की भक्ति का मानो उमड़ता है सैलाब, खुद बी खुद जल उठती है आग
भले ही दिगर वक्त मे धमतरी के खल्लारी रिसगाॅंव मे माओवादियो के खौफ का साया मडंराता हो पर नवरात्री पर्व मे इस बीहड़ मे माता की भक्ति का मानो सैलाब उमड़ पडता है माॅं खप्पर वाली के चमत्कार का ही प्रभाव है कि दूर दूर से यहाँ लोग खिचे चले आते है आस्था की जोत जलाकर अपनी मुरादे पुरी करने.माना जाता है कि चैत्र नवरात्र मे तो मुर्ति के सामने रखे खप्पर की अग्नि खूद ब खूद जल उठती है.
धमतरी से करीब 100 किमी दूर घने जंगलो के बीच मौजूद माॅं कालिका देवी के दरबार चॅंहु ओर यही जयकारा गुंजता रहता है जब माॅं के भक्त चले आते है खल्लारी रिसगाॅंव के इस बीहड़ में आस्था की ज्योती जलाकर अपनी खाली झोली भरने इस बीच उनके रास्ते न तो फासले की मुश्किलात रोक पाती है और नही नक्सली संगीनो का खौफ.बताया जाता है कि बीस साल पहले इस चमत्कारिक मुर्ति का प्रकाटय हुआ तब से यह खप्पर वाली माॅं श्रद्धालुओं के आस्था का केन्द्र बन गया और आज विराट मन्दिर शक्ति की भक्ति का गवाही दे रहा है.
भक्तो की माने तो चैत्र नवरात्र मे यहाॅं खूदबखूद आग जल उठती है. इसके अलावा और कई चमत्कार दिखाई पड़ते है.वैसे नवरात्र के दोनो ही मौको पर यहाँ मेले जैसा माहौल रहता है लोग दूर दूर से इस दरबार मे मत्था टेकने पहॅंचते है जो मानते है कि सिर पर माता के हाथ और साथ के रहते उन्हे किसी खौफ की परवाह नही है.
बहरहाल भक्ति और शक्ति का यह अदभूत नजारा हर नवरात्र मे ये बयाॅं करता है कि आस्था के सामने खौफ कोई मायने नही रखता खल्लारी मे मौजूद माता के मन्दिर मे लोग इसी यकीन पर चले आते है.