
KHABAR CHALISA Skewed glance: Union Minister’s rebuke
राज्य सरकार के एक विभाग में इन दिनों हड़कंप मचा है। इसकी वजह यह है कि केंद्र के मंत्री विभाग की तगड़ी समीक्षा कर दी है औरराज्य के विभाग की रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है।
बताते हैं कि समीक्षा बैठक पिछले दिनों दिल्ली में हुई थी। विभागीय मंत्री पूरा लाव–लश्कर लेकर गए थे। केन्द्रीय मंत्री भी पुराने परिचितथे इसलिए उन्हें अच्छा महत्व मिलने की उम्मीद थी। मगर जैसे जैसे योजनाओं की समीक्षा आगे बढ़ी, केन्द्रीय मंत्री के तेवर बदल गए।
राज्य के मंत्री ने अनियमितता का ठीकरा पिछली सरकार पर फोड़ने की कोशिश की, लेकिन केन्द्रीय मंत्री संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहदिया कि सात महीने का काम भी गड़बड़ है। यही नहीं,भरी बैठक में रिपोर्ट तैयार करने वाले अफसर पर कार्रवाई की बात कह दी है।अब मंत्रीजी कुछ कर पा रहे हैं क्योंकि रिपोर्ट तैयार करने वाला अफसर बैठक में ही था। अब विभाग के लोग बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
केदार का बढ़ा कद
वन मंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार देकर फिलहाल मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों पर विराम लगा दिया है। केदार का कद काफी बढ़ा है। वो संगठन के पसंदीदा बन गए हैं।
संसदीय कार्यमंत्री बनने के बाद उनके पास कई और जिम्मेदारी होगी। यानी स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के सवालों का जवाबभी सदन में केदार कश्यप ही देंगे। वो पहले भी स्कूल शिक्षा विभाग संभाल चुके हैं। ऐसे में इस बार सरकार के संकट मोचक की भूमिका में नजर आ सकते हैं।
गुस्सा निकल रहा है..
कांग्रेस में अब भी पूर्व मंत्रियों के खिलाफ पार्टी नेताओं की नाराजगी बरकरार है। ऐसे ही एक पूर्व मंत्री, पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष डॉचरणदास महंत के निवास पहुंचे तो वहां मौजूद एक नेता ने पूर्व मंत्री को देखते ही कह दिया कि क्या बात भईया, आप मंत्री थे तो संगठनके लोगों को महत्व नहीं देते थे। पूर्व मंत्री ने कुछ नहीं कहा। वो भूपेश सरकार में काफी पावरफुल रहे हैं। अब चुनाव भी हार गए, तो उनपर अपने लोगों की भड़ास निकल रही है।
मकान नहीं, चाबी सौंप दी..
कोरिया जिले के बैकुंठपुर में पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभान्वित दो लोगों को चाबी सौंप दी गई अब सूचना के अधिकार के तहत काम करने वाले आधा दर्जन लोग हितग्राहियों का मकान खोज रहे हैं।
बताया जाता है कि जिला शासन ने अपनी श्रेय लेने के लिए बिना पैसा दिए बिना मकान बने चाबी सौंप दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों को मकान दिए जाने की बात हो रही है। उसमें भी कई गड़बड़ियां भविष्य में सामने आ सकती है।
अनुभवी अफसरों की वापसी में देरी
प्रति नियुक्ति बार केंद्र सरकार में गए अफसर का राजधानी रायपुर आने का सिलसिला थमेगा। रोहित यादव और उनकी पत्नी मूल छत्तीसगढ़ में लौटेंगे या नहीं इसको लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। गौरव द्विवेदी और सुबोध सिंह का आने का क्रम अभी डेढ़ वर्षबाद ही शुरू होगा। छत्तीसगढ़ लौटे कई आईएएस अफसर फिर से दिल्ली में रहने का जुगाड़ बना रहे हैं। दिल्ली में आवासीय आयुक्तपद पर किसी सीनियर अफसर की नियुक्ति की चर्चा है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय कर कई नई योजनाओं को मंजूरीदिलाने और अटके हुए योजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए एक सीनियर आईएएस अफसर की आवश्यकता महसूस की जा रही है ।इस पद के लिए कई अधिकारी सक्रिय हैं। धरातल की स्थिति आंकड़ों से अलग बताई जा रही है।
और अंत में
छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है इस सत्र पर सभी लोगों की नजर है। भाजपा सरकार के मंत्रियों का परफॉर्मेंसदिखेगा और विपक्ष का तेवर निखारने की अटकलें हैं।