जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के इतिहास में आज का दिन मील का पत्थर साबित हुआ है। प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण अभियान संपन्न हुआ, जिसमें कुल 210 नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जगदलपुर में आयोजित पूना मारगेम—पुनर्वास से पुनर्जीवन’ कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जो साथी पहले भटक गए थे, उन्होंने अब गांधी जी की अहिंसा नीति और सरकार की पुनर्वास नीति पर भरोसा जताया है। यह नया जीवन शुरू करने का क्षण है।
सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षाबलों की रणनीति के असर से बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण होना प्रदेश में शांति और विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार उनके पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
