नई दिल्ली । इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भविष्य में इंटरनेट को लेकर नीतियां बनाने के लिए भारत को किसी दूसरे देश या वैश्विक प्रथा के अनुकरण की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के 82 करोड़ यूजर्स को यह तय करने का अधिकार है कि उन्हें किस प्रकार का इंटरनेट चाहिए।
इंडिया ग्लोबल फोरम की तरफ से दुबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट गवर्नेंस के लिए यूरोप के जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) को सबसे बेहतर मानक समझा जाता है। लेकिन हम इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम 82 करोड़ इंटरनेट यूजर्स के साथ ग्लोबल इंटरनेट पर सबसे सबसे बड़ी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और हमें अपनी नियति को खुद आकार देने का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए हम अपनी राह खुद तय करेंगे और इंटरनेट के लिए अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएंगे।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए आईटी राज्यमंत्री ने कहा कि अपने नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। लेकिन हम नहीं मानते हैं कि भारत में हो रहे नवाचार के इकोसिस्टम पर इससे कोई असर पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेट को खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद एवं जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।