छत्तीसगढ़ में पांच लाख लोगों को घर बैठे मिला ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी बुक भी भेजी गई

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरसीबुक और ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए आवेदकों को परिवहन विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, क्योंकि परिवहन विभाग आरसी बुक और ड्राइविंग लाइसेंस घर-घर पहुंचा रहा है। विभाग पंडरी स्थित पुराने कार्यालय से यह व्यवस्था शुरू की है।
प्रदेश भर में अब तक कुल पांच लाख 10 हजार 764 लाइसेंस और आरसीबुक सीधे आवेदकों के घर स्पीड पोस्ट के माध्यम से पहुंचे हैं। इस व्यवस्था के शुरू किए जाने से जहां आवेदकों को परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हंै तो वहीं दूसरी तरफ उनकी जेब पर भी असर नहीं पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि प्रदेश भर के परिवहन कार्यालय से एक साल में तकरीबन दो लाख से अधिक लाइसेंस और आरसी कार्ड बनते हैं। वर्तमान में लर्निंग लाइसेंस आरसी के लिए आवेदक को आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आवेदक द्वारा परिवहन कार्यालय की सारी प्रकिया पूरी करने के बाद आवेदक को लाइसेंस लेने के लिए कम से कम तीन से चार बार चक्कर लगाने पड़ते थे, क्योंकि आरटीओ कार्यालय में कभी बाबू नहीं आया है तो कभी फाइल साहब के टेबल पर पड़ी है।
इस तरह से बहानों से दो चार हो, इसलिए आवेदक परेशान होकर एजेंट का सहारा लेते हैं। एजेंट आवेदक की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी रकम वसूलते हैं। मगर अब आवेदकों को घर बैठे लाइसेंस मिलने लगा है। इससे लोगों को काफी राहत मिली है।
परिवहन विभाग ने 20 जून से शुरू हुई योजना
परिवहन विभाग ने यह व्यवस्था 20 जून से शुरू की है। इस नई व्यवस्था में एसएमएस की सुविधा दी गई है। पंडरी कार्यालय से जैसे ही लाइसेंस डिस्पैच हो रहा है, कुछ देर बाद आवेदक द्वारा भरे गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस मिल रहा है। उसी के साथ एक ट्रैकिंग आइडी भेजी जा रही है। आवेदक ट्रैकिंग आइडी के जरिए लाइसेंस कहां है, कब डिस्पैच हुआ है और कब उसके हाथ आएगा आदि की जानकारी मिल रही है।
7,140 लोगों का नहीं मिला घर का पता
पांच लाख 10 हजार 764 लोगों का लाइसेंस और आरसी प्रिंट कर उनके घर भेजा जा चुका है। जिसमें 7140 लोगों का लाइसेंस और आरसी बुक वापस लौट आया हैं। इसकी वजह है कि इन लोगों ने अपना मोबाइल नंबर और घर का पता गलत दिया था इस कारण इनका लाइसेंस वापस आ गया है।
योजना सफल है
परिवहन विभाग द्वारा घर बैठे आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बुक प्रदान की जा रही है। अब तक कुल पांच लाख लोगों के घर लाइसेंस और आरसी बुक विभाग भेज चुका है।
-शैलाभ साहू, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, रायपुर