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ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS : छत्तीसगढ़ में अवैध नागरिकों पर सख्ती: पुलिस जांच से हड़कंप, छुटभैये नेताओं ने छोड़ा मैदान

ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS : Strictness on illegal citizens in Chhattisgarh: Police investigation causes panic, small leaders leave the field

रायपुर, 29 अप्रैल 2025। ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस की सघन कार्रवाई से प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में अवैध नागरिकों की पहचान और कानूनी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध नागरिकों को संरक्षण देने वाले छुटभैये नेता भूमिगत हो गए हैं।

पुलिस की कार्रवाई ने खोली पोल

ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई, भाटापारा, तिल्दा-नेवरा, कवर्धा, बेमेतरा, बिरगांव, खरोरा, अमलेश्वर, सिलतरा और भाटागांव जैसे इलाकों में पाकिस्तानी नागरिक खुलेआम अवैध प्लॉटिंग और प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार कर रहे हैं। आरोप है कि इन नागरिकों को स्थानीय छुटभैये ‘नाड़ा-पायजामा’ नेता संरक्षण देते हैं और उनके लिए फर्जी आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड भी बनवाए जाते हैं।

क्रिकेट सट्टा से लेकर फार्महाउस तक कब्जा

ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS सूत्रों के अनुसार, रायपुर और आसपास के इलाकों में कई पाकिस्तानी नागरिक क्रिकेट सट्टा के बड़े खाईवाल के रूप में सक्रिय हैं और फार्महाउसों में अड्डे बनाकर काम कर रहे हैं। राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर, एमजी रोड, डुमरतराई, शैलेंद्र नगर, देवेंद्र नगर, वीआईपी रोड, माना, कुर्रू, पचेड़ा जैसे इलाकों में इनकी दुकानें और व्यवसाय खुलेआम चल रहे हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं।

कांग्रेस शासनकाल में मिली छूट?

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2018–2023) के दौरान अवैध पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को पहचान पत्र और प्रॉपर्टी खरीदने की खुली छूट दी गई थी। जानकारों का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने वोट बैंक के लिए इन नागरिकों को बसाने में मदद की और उनके लिए दस्तावेज तैयार कराने में बिचौलिए सक्रिय थे।

पुलिस की अब तक की कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पुलिस ने बिलासपुर में 300 से अधिक अवैध नागरिकों की पहचान की है और अब तक 50 से अधिक लोगों को वापस भेजा जा चुका है। कई जिलों में मोहल्लों का दौरा कर दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

कोई ठोस सरकारी रिकॉर्ड नहीं

ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS राज्य सरकार और इंटेलिजेंस के पास इन अवैध नागरिकों का कोई ठोस रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। जानकार सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान-बांग्लादेश से धार्मिक आयोजनों में आए कई लोग वापस नहीं लौटे और प्रदेश में बस गए। वर्ष 2018 से 2023 के बीच बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों के जरिए ये नागरिक स्थायी निवासी बन गए।

भविष्य में सुरक्षा चुनौती

ILLEGAL PAKISTANI CITIZENS विशेषज्ञों का कहना है कि यदि शीघ्र सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो ये अवैध नागरिक राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। पुलिस और प्रशासन के लिए यह समय है कि वे प्रदेश को सुरक्षित रखने हेतु निर्णायक कार्रवाई करें।

 

 

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