SUICIDE CASE : In whose name did IPS Puran Kumar transfer his property before committing suicide?
चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की खुदकुशी के मामले में नया मोड़ आ गया है। 7 अक्टूबर को सेक्टर-11 स्थित अपने घर पर खुद को गोली मारकर जान देने वाले आईपीएस पूरन कुमार के मामले में उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 12 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस के मुताबिक, एफआईआर पूरन कुमार के 9 पन्नों के सुसाइड नोट के आधार पर दर्ज की गई है, जिसे उन्होंने आत्महत्या से एक दिन पहले अपनी पत्नी को भेजा था। सुसाइड नोट में उन्होंने 13 अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और करियर में बाधा डालने के गंभीर आरोप लगाए थे।
पूरन कुमार, 2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने अपने नोट में लिखा था कि उन्हें लगातार अपमानित किया गया, पदोन्नति और वेतन लाभों से वंचित रखा गया तथा झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रची गई थी।
वसीयत में पत्नी को बनाया संपत्ति की एकमात्र वारिस
मरने से एक दिन पहले पूरन कुमार ने 9 पन्नों की वसीयत तैयार की थी, जिसमें उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम करने की घोषणा की थी। इसमें एचडीएफसी बैंक अकाउंट, डीमैट शेयर, मोहाली में प्लॉट, गुरुग्राम के यूनिवर्सल बिजनेस पार्क में ऑफिस स्पेस और चंडीगढ़ के सेक्टर 11A के मकान में 25% हिस्सेदारी शामिल है।
उन्होंने लिखा था कि “मेरी मौत के बाद सभी संपत्ति मेरी पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम होगी।”
जांच शुरू, हरियाणा पुलिस और प्रशासन में हड़कंप
पूरन कुमार की खुदकुशी के बाद हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
वहीं, चंडीगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट को मुख्य साक्ष्य मानते हुए जांच तेज कर दी है।
