
H1B-VISA : Major changes to H-1B visa
वॉशिंगटन डी.सी., 30 सितंबर 2025। अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने कहा है कि एच-1बी वीज़ा के लॉटरी सिस्टम से जुड़े सभी सवाल फरवरी 2026 तक हल कर दिए जाएंगे। इससे पहले ही ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित $100,000 (करीब 83 लाख रुपये) की नई फीस लागू होगी। लुटनिक ने मौजूदा वीज़ा प्रक्रिया को “ग़लत” बताते हुए कहा कि सस्ते टेक कंसल्टेंट्स और उनके परिवारों को अमेरिका आने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी नए एच-1बी वीज़ा आवेदनों और नवीनीकरण पर $100,000 की वार्षिक फीस लगाने का ऐलान किया था। हालांकि व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान वीज़ा धारकों को इस नियम से छूट मिलेगी और वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अमेरिका आ-जा सकेंगे।
“लॉटरी सिस्टम अजीब है”
लुटनिक ने वीज़ा आवंटन में इस्तेमाल हो रही लॉटरी प्रक्रिया को “बेतुका” बताया।
उन्होंने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों के प्रमुख भी मानते हैं कि “स्किल्ड वर्कर्स के लिए लॉटरी सिस्टम हास्यास्पद है।”
लुटनिक के मुताबिक, यह प्रणाली 1990 से लागू है लेकिन समय के साथ इसे “बुरी तरह बिगाड़ दिया गया है।”
आज एच-1बी वीज़ा 7-10 गुना ज्यादा मांग में है और 74% हिस्सेदारी टेक कंसल्टिंग कंपनियों की है।
“सिर्फ उच्च कौशल वाले पेशेवरों को मिले वीज़ा”
लुटनिक ने साफ कहा कि एच-1बी वीज़ा सिर्फ उन्हीं को मिलना चाहिए जो सबसे ज्यादा कुशल और योग्य हों।
डॉक्टर और उच्च डिग्री वाले शिक्षक प्राथमिकता में रहें।
इंजीनियरिंग कंपनियों को सिर्फ ज्यादा वेतन पाने वाले इंजीनियर ही रखने चाहिए।
“सस्ते टेक कंसल्टेंट्स का अमेरिका आना और परिवार लाना ग़लत है। यह मुझे बिल्कुल ठीक नहीं लगता,” उन्होंने कहा।
अमेरिकी मज़दूरों की सुरक्षा के लिए ‘प्रोजेक्ट फ़ायरवॉल’
अमेरिका के श्रम विभाग ने इस महीने “प्रोजेक्ट फ़ायरवॉल” नामक पहल शुरू की है। इसका मकसद है:
अमेरिकी कामगारों के अधिकारों, वेतन और नौकरी के अवसरों की रक्षा करना।
कंपनियों को धोखाधड़ी और वीज़ा के दुरुपयोग के लिए जवाबदेह ठहराना।
यह सुनिश्चित करना कि पहले योग्य अमेरिकी उम्मीदवारों को नौकरी दी जाए।
आगे क्या?
$100,000 की फीस फरवरी 2026 से लागू होगी।
उससे पहले लॉटरी सिस्टम को पूरी तरह बदला जाएगा।
एच-1बी वीज़ा अब सिर्फ उच्च कौशल और उच्च वेतन वाले पेशेवरों तक सीमित रहेगा।